श्री लंका से लौटते समय यहां की थी श्री राम ने पूजा

Thursday, Sep 19, 2019 - 05:12 PM (IST)

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भारत को एक पावान भूमि के तौर पर देखा जाता है। जिसका सबसे बड़ा कारण है यहां स्थापित विभिन्न तरह के मंदिर व धार्मिक स्थल जिनका सीधा सीधा संबंध हमारे धर्म के देवी-देवताओं से हैं। बल्कि इन मंदिरों के माध्यम से काफी हद तक लोगों को इस बात विश्वास हुआ है कि समय समय पर भगवान ने अपने होने का एहसास दिलाने के लिए और अपने भक्तो को तमाम तरह के संकटों से बचाने के लिए धरती पर अवतरण लिया है। आज हम भगवान विष्णु के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में मान्यका प्रचलित है कि यहां श्री हरि ने अवतार लिया था। साथ ही इसे चार धामों में से एक माना जाता है। आइए जानें इस मंदिर के बारे में-

हम बात कर रहे हैं भगवान विष्णु जी के श्रीरंगम मंदिर की जो तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में कावेरी नदी के तट पर स्थित है। यहां विष्णु भगवान की रंगनाथ के रूप में पूजा की जाती है। इस मंदिर का नज़ारा अत्यंत भव्य है। इस स्थान के निर्माण से संबधी कई प्राचीन कथाएं प्रचलित है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार वैदिक काल में गोदावरी नदी के तट पर गौतम ऋषि का आश्रम था। जल की काफी कमी के कारण एक दिन जल की तलाश में कुछ ऋषि गौतम ऋषि के आश्रम आए।गौतम ऋषि सभी ऋषियों को सम्मान पूर्वक भोजन कराया। उपजाऊ भूमि की लालच में ऋषियों ने मिलकर छल द्वारा गौतम ऋषि पर गौ हत्या का आरोप लगा दिया तथा उनकी सारी जमीन पर कब्जा कर लिया।

इसके बाद गौतम ऋषि ने श्रीरंगम जाकर श्री रंगनाथ की आराधना की और उनकी सेवा करनी शुरू कर दी। सेवा से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें दर्शन दिए और पूरा क्षेत्र उनके नाम कर दिया। ये भी कहा जाता है कि गौतम ऋषि के कहने पर ही स्वयं ब्रह्मा जी ने इस मंदिर का निर्माण किया था। इस मंदिर के बारे में एक और मान्यता यह भी है कि विष्णु अवतार भगवान श्री राम ने लंका से लौटने के बाद यहां पूजा की थी।

Jyoti

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