Sri Ashta Mahalaxmi Temple: जलाधिवास में श्री अष्ट महालक्ष्मी का किया आह्वान

Monday, Mar 04, 2024 - 11:04 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

ग्वालियर: ग्वालियर में वास्तु दोष निवारण के लिए श्री अष्ट महालक्ष्मी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन स्थापित पीठ देवी-देवताओं के प्रारंभिक पूजन के बाद श्रीअष्ट महालक्ष्मी, कुबेर, सरस्वती, श्री गणेश जी का जलाधिवास किया गया।  जिसमें सर्वप्रथम अष्ट महालक्ष्मी की मूर्तियों को अलग-अलग बड़े पात्रों में जिसमें जल भरा हुआ था, उसमें प्रवेश कराया गया। उसके बाद मंत्रों के साथ जलाधिवास क्रिया संपन्न की गई। इसी क्रम में कुबेर, सरस्वती, श्री गणेश जी आदि मूर्तियों का भी जलाधिवास कराया गया।

इस विधान के बाद अर्णी मंथन पूजन किया गया। इसके तहत मंत्रोचारण की शक्तियों से आपस में लकड़ियों का घर्षण कर अग्नि प्रज्वलित की जाती है। ग्वालियर शहर में रुके हुए औद्योगिक विकास वास्तु दोष को दूर करने के लिए अष्ट महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण जौरासी ट्रस्ट द्वारा किया गया है। जिसके तहत 1 मार्च से 7 मार्च तक श्री अष्ट महालक्ष्मी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आज तीसरे दिन सभी अष्ट लक्ष्मी का जलाधिवास  कराया गया। जिसके लिए 11 बड़े पात्रों में जिसमें मूर्ति पूर्णत: विराजित हो सके। पात्रों में विभिन्न नदियों से मंगाए गए जल गंगाजल के साथ पानी भरा गया। उसमें मूर्तियों को रखा गया। 

मुख्य यजमान सुरेश पचौरी, प्रेम सिंह भदौरिया ने सपत्नी बनारस के 11 सदस्यीय प्रकांड ब्राह्मणों के दल के द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ जलाधिवास की प्रक्रिया पूर्ण की गई। 3 घंटे चले इस अलौकिक पूजा में मंत्रोचारण कर अष्ट महालक्ष्मी का आह्वान किया गया। इसके बाद अर्णी मंथन किया गया। अर्णी मंथन में मंत्र उच्चारण की शक्ति से दो लकड़ियो के घर्षण से अग्नि प्रचलित की जाती है। अग्नि प्रचलित होने के बाद विधि-विधान से मंत्र उच्चारण की शक्ति से अग्नि का पूजन मुख्य यजमान द्वारा किया गया।

Niyati Bhandari

Advertising