क्या आपके घर में भी बीमार रहते हैं बच्चे तो ज़रूर अपनाएं ये टोटके

Friday, May 10, 2019 - 03:47 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
बच्चे बहुत ही नाजुक, कोमल तथा अबोध होते हैं। इनकी सहनशक्ति तथा रोग प्रतिरोधक शक्ति बहुत कम होती है। इसलिए ये सामान्यत: जल्दी ही रोगों की चपेट में आ जाते हैं। कई बार बच्चे अकारण रोते हैं, हाथ-पैर पटकते हैं या रात में सोते समय डर जाते हैं। कभी-कभी उन्हें चौंकने की बीमारी भी होती है। वे दांत पीसते हैं अथवा सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। इसके अलावा दांत निकलते समय भी उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में इनका उपचार करने के साथ-साथ टोने-टोटकों का भी उपयोग किया जा सकता है ताकि वे शीघ्र ही स्वस्थ एवं निरोग हो जाएं।

घोड़े के एक दांत या शेर के नख का ताबीज़ बनाकर गले में बांधने से बच्चा सदैव स्वस्थ तथा निरोग रहता है।

बच्चे के सिरहाने कपड़े में फिटकरी की एक डली बांधकर रख दें तो उसे रात के समय डर नहीं लगेगा।

बच्चे की चारपाई के नीचे उलटा तवा रखने से भी वह नहीं डरेगा।

मंगलवार या शनिवार को नीलकंठ का पंख लाकर बच्चा जिस खाट पर सोता है, उसमें खोंसने से उसका रोना तुरंत बंद हो जाएगा।

कच्चे सूत द्वारा अकरकरा की जड़ को बांधकर बालक के गले में लटकाने से मिर्गी रोग दूर होने में लाभ होता है।

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बच्चे के हाथ-पांव में लोहे का कड़ा पहनाने से उसके दांत आसानी से निकल आते हैं और नजर भी नहीं लगती।

मां या धाय मां के कपड़े में से एक टुकड़ा फाड़कर पानी में भिगोकर बालक के सिर पर रखने से उसकी हिचकी दूर करने में लाभ मिलता है।

देशी कर्पूर की टिकियों की माला पहनाने से बालक के समस्त दांत बिना कष्ट के आसानी से निकल आते हैं।

काले कुत्ते का एक बाल तथा अकरकरा का एक दाना दोनों को बालक के गले में बांधने में उसके आमाशय के रोग दूर हो जाते हैं।

फिटकरी का एक टुकड़ा बच्चे के सिरहाने रखने से उसके सोते समय चौंकने की बीमारी दूर हो जाती है।

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रविवार के दिन बिजली के थोड़े से पुराने तार (जिसमें कई वर्षों तक विद्युत प्रवाह हो चुका हो) को नीले या काले कपड़े में लपेटकर बच्चे के गले में बांधने से उसके दांत आसानी से निकल आते हैं।

श्मशान में उगा गुलाब का फूल छोटे बच्चों के सिरहाने रखने से वे रात को चौंकना या डरना बंद कर देते हैं।

नवजात शिशु के दोनों हाथों और पांवों में तांबे के कड़े पहनाने से उसके दांत बिना किसी कष्ट के निकल आते हैं।

बच्चे द्वारा बिस्तर पर पेशाब करने की आदत दूर करने के लिए मंगलवार के दिन गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। जब वह सारी जल जाए तो उसकी राख भोजपत्र पर एकत्रित कर लें। फिर उस पर गंगाजल डालकर लेप बना लें। इस लेप को बच्चे की नाभि और पेट पर हल्के हाथों से लगा दें। बच्चा बिस्तर पर पेशाब नहीं करेगा। यह टोटका एक दिन के अंतराल पर करें।

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यदि शिशु किसी कारणवश दांत पीसता हो तो सोमवार के दिन चमकीले लाल डोरे में रुद्राक्ष लपेटकर उसके गले में डाल दें।

बच्चे को सूखा रोग हो तो रात 12 बजे चमेली के पेड़ के नीचे जाड़े में गर्म पानी और गर्मी में ठंडे पानी से स्नान कराएं।

बच्चे को सीप की माला पहनाएं, उसके दांत बिना कष्ट के निकल आएंगे।

नागफनी की जड़ को बालक के गले में बांधने से जिगर और तिल्ली के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं।

बालक की दीर्घायु की कामना के लिए उसके हाथ पर चिरंजीवी ऋषि-महर्षियों के नाम खुदवाने चाहिएं।
 

Jyoti

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