अजब गजब: भारत के इन मंदिरों में Follow किया जाता है Special Dress Code

Monday, Sep 06, 2021 - 03:13 PM (IST)

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भारत साधु- संतों की धरती है। अधिकतर भगवान के अवतार इसी पावन भूमी पर हुए हैं। यहां सभी धर्मों से संबंधित बहुत सारे मंदिर हैं। जिनका अपना- अपना महत्व है। कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां दर्शनों के लिए जाने से पहले पहनना पड़ता है खास पहनावा। आईए जानें क्या हैं वो पहनावे और क्यों पहने जाते हैं।

विश्वनाथ मंदिर- उत्तरप्रदेश काशी में स्थित विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव का घर माना जाता है। यहां न केवल देशी बल्कि विदेशी लोग भी भगवान शिव के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। मंदिर में प्रवेश करने से पहले महिलाओं को साड़ी पहननी पड़ती है और पुरूष चमड़े से बनी कोई भी चीज अपने साथ मंदिर के अंदर नहीं लेकर जा सकते।
गुरुवायूर कृष्ण मंदिर-  भगवान श्रीकृष्ण का विख्यात मंदिर केरला के गुरुवायूर में स्थित है। इस मंदिर का पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। यहां पहनावे को लेकर बहुत सख्ती से अमल किया जाता है।  पुरुष केरल की पारंपरिक लुंगी मुंडू पहनते हैं और महिलाएं साड़ी अथवा सलवार सूट। किसी अन्य परिधान को पहन कर   मंदिर में प्रवेश करने पर मनाही है।
 
महाकाल मंदिर- भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर है। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर बहुत बड़ा है और मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव लिंग के रूप में स्थापित हैं। मंदिर में दर्शनों के लिए किसी भी तरह के वस्त्र पहन कर जाया जा सकता है लेकिन अभिषेक और पूजन के समय पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को नई साड़ी पहनना अवश्यक है। 
 
शनि शिंगणापुर- महाराष्ट्र के शिंगणापुर में स्थित शनि देव का मंदिर उनके मुख्य धामों में से एक है। कुछ समय पूर्व तक यहां नियम था महिलाएं शनि देव का अभिषेक या पूजन नहीं कर सकती थी केवल पुरूष ही केसरिया लुंगी या धोती पहन कर तेल चढ़ाते थे। अब इस नियम में परिवर्तन हो गया है अब कोई भी शनि देव के पास नहीं जा सकता। उनकी मूर्त से कुछ दूरी पर पड़े घड़े में तेल डाला जाता है, जो की पाईप के माध्यम से शनिदेव पर चढ़ जाता है।
घृष्णेश्वर महादेव- भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक घृष्णेश्वर महादेव है। पुरूषों को भगवान शिव के दर्शनों के लिए जाने से पहले चमड़े से बनी सभी वस्तुएं जैसे बेल्ट, पर्स आदि और शरीर के ऊपरी हिस्से पर पहने सभी कपड़े उतारने पड़ते हैं।

 

Niyati Bhandari

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