Vastu Tips: ऐसे घर में आई हुई लक्ष्मी भी नाराज हो जाती है...

Sunday, Nov 06, 2022 - 11:45 AM (IST)

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Vastu Shastra tips for south facing homes: महर्षि भृगु जी के पुत्र श्री विश्वकर्मा जी द्वारा रचित वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा का प्लॉट या खरीदा गया या बना बनाया घर हमेशा उस घर में रहने वाले व्यक्तियों को परेशानियां ही देता है- यह पूर्णतया सत्य है। अगर उस घर में रह रहे व्यक्तियों के द्वारा उनकी जन्म कुंडली के आधार पर घर के वास्तु दोष को दूर करने के उपायों को नहीं करवाया जाता तब तक वह घर या प्लॉट रह रहे व्यक्तियों को पूर्ण सुख की प्राप्ति नहीं करवा सकता।

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South facing house good or bad: दक्षिण दिशा के घर में जो भी व्यक्ति रहते हैं सबसे पहल तो कुछ समय के पश्चात उस घर की स्त्रियों को समय से पहले वात संधि रोग होने की सबसे तीव्र संभावना बनी रहती है। वात से तात्पर्य वायु व संधि से तात्पर्य है ज्वाइंटस इसका मतलब हुआ कि ऐसे रोग जो कि वायु विकार से हों या फिर ज्वाइंटस से जैसे कि ज्वाइंटस पेन, यानि कि शरीर में हडिडयों व जोड़ों के दर्द संबंधित। इसके साथ दक्षिण मुखी घर में जो भी व्यक्ति रहता है उसे कुछ न कुछ शारीरिक, मानसिक व धन से संबंधित चिंताए व समस्याये बनी ही रहती हैं। धन हानि के योग बार-बार बनते हैं। किसी को भी उधार में दिया गया रुपया वापस न लौट पाना। इसी के साथ साथ अगर दक्षिण मुखी मकान शेर मुखी हो तो उस घर के मालिक पर कोर्ट केस इत्यादि परेशानियां भी आ सकती हैं। अगर दक्षिण मुखी मकान गौमुखी हो तो उस घर में आयी हुई लक्ष्मी भी नाराज हो जाती है तथा धन का वास नहीं रहता बिना वजह कलह क्लेश रहता है तथा भौतिक सुखों की कमी हो जाती है। घर के पशुओं की कार्य क्षमता भी कम हो सकती है तथा पशुधन की भी हानि हो सकती है।

इसलिये कभी भी दक्षिण दिक्षा का कोई भी पलॉट घर बनाने या बना बनाया मकान कभी भी नहीं लेना चाहिए परन्तु अगर कभी भी ऐसा घर मजबूरीवश लेना पड़ जाये तो अपनी कुण्डली के अनुसार ऐसे योगों का जरूर परीक्षण कर लेना चाहिए कि - क्या उपायों को अपनाने के बाद भी दक्षिण के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि जन्म कुण्डली से ऐसे बहुत से नकारात्मक योगो के उपाय करने से वास्तु के नकारात्मक प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है - वास्तु हमारे ज्योतिष विज्ञान की भवन निर्माण व मानव शरीर को आराम व प्रकृति से तालमेल में रहने से संबंधित एक शाखा ही है ताकि हमारा यह भौतिक शरीर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वस्थ, सुदृढ रहते हुवे व सभी स्वस्थ इंद्रियों से उपभोग करते हुवे ईश्वरीय शक्ति से हर प्रकार की सांसारिक शक्तियां व तृप्तियां प्राप्त कर अपनी जीवन यात्रा को सफल कर सके।

दक्षिण मुखी का यह सिद्धांत किसी भी व्यावसायिक संस्था पर लागू नहीं होता। व्यावसायिक संस्थान का वास्तु बिलकुल अलग होता है। व्यावसायिक संस्थान पर गल्ला दक्षिण पश्चिम कोने में रखने से धन प्राप्ति के योग बन जाते हैं। ऐसे स्टॉक जो की ब्लॉक हो चुका है ऐसे स्टॉक को उत्तर पश्चिम दिशा में रखने से ब्लॉक स्टॉक भी कुछ समय में बिकने के योग बन जाते हैं।



जिन भी दक्षिण दिशा के घर में रहने वाले की कुंडली में अगर पितृ दोष भी हो तो ऐसे परिवारों में वंश वृद्धि होने में परेशानी आती है। और अगर दक्षिण मुखी घर ऐसी लोकेशन पर हो जिसमे की गली या रोड बंद हो तो ऐसे घरों में भी वंश वृद्धि व स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या आती है व दरिद्रता के योग बन जाते हैं।


Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).

Niyati Bhandari

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