सोमवती अमावस्या के दिन बन रहा है खास योग, इस पूजन विधि से करें पूजा

Sunday, May 29, 2022 - 11:17 AM (IST)

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हिंदू धर्म में हर अमावस्या का बेहद महत्व माना गया है, लेकिन सभी अमावस तिथियों में से सोमवती अमावस्या का अधिक महत्व माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की ये अमावस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है। बता दें इस साल सोमवती अमावस्या का व्रत सोमवार, 30 मई 2022 को रखा जा रहा है। तो वहीं इस दिन इसके अलावा इस दिन शनि जयंती व वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। जिस वजह से इस बार ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या तिथि अधिक खास हो गई है। सोमवती अमावस्या का व्रत रखने और पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और पीपल के वृक्ष पर पूजा करती हैं। बता दें इस दिन भगवान शिव-पार्वती की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास योग।



शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का आरंभ रविवार 29 मई, दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर सोमवार शाम 04 बजकर 59 मिनट पर अमावस्या तिथि की समाप्ति होगी। यानि सोमवार को पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी। चूंकि उदया तिथि के अनुसार ही तिथि मानी जाती है इसलिए अमावस्या 30 मई को ही मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव व पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में डुबकी लगाकर स्नान करना अत्यधिक पुण्यदायी माना जाएगा। इस दिन तीर्थ स्थल पर स्नान किया जाता है। गंगा, सिंधु, कावेरी, यमुना, नर्मदा या फिर कोई भी पवित्र नदी में स्नान करने का अनंत गुना फल सोमवती अमावस्या को मिलता है।


सोमवती अमावस्या की पूजा विधि-
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करना चाहिए। यदि गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो घर पर नहाते समय पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान करना चाहिए। इस दिन आप उपवास रख रहे हैं, तो पूजा करते समय इसका संकल्प लें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।

इस दिन पूर्वजों के नाम तर्पण व दान करना भी शुभ माना जाता है। पितरों के निमित्त तर्पण करें। साथ ही जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें। यदि संभव हो तो, सोमवती अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू या फिर तुलसी के पेड़ का वृक्षारोपण भी करना चाहिए। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है। वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्या भी दूर होती है। सोमवती अमावस्या पर सुहागिन महिलाएं पीपल के वृक्ष पर पूजा करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की भी पूजा की जाती है। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

Jyoti

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