सोमवती अमावस्या: इस दिन शिव जी के दर्शनों से मिलता है करोड़ों यज्ञों का फल

Sunday, Jun 02, 2019 - 05:41 PM (IST)

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सोमवार से युक्त अमावस्या का शास्त्रों में है विशेष माहात्म्य  कहा गया है। स्कंद पुराण के अनुसार सोमवार और अमावस्या का योग कभी-कभी होता है। इस दिन भगवान शिव के दर्शन करके विशेषकर सोमेश्वर (ज्योर्तिलिंग गुजरात) महादेव की पूजा-अर्चना करने से करोड़ों यज्ञों का फल प्राप्त होता है। सोमनाथ के दर्शन मात्र से सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं। सोमवती अमावस्या के पर्व पर हरिद्वार, दोसी, नारनौल, कुरुक्षेत्र, वाराणसी, पुष्कर, गया, प्रयाग, अमृतसर आदि तीर्थों पर स्नान दान, जप आदि अनुष्ठान का विशेष माहात्म्य कहा गया है।

जिन जातकों की जन्मपत्री में पितृदोष होता है वे किसी क्षेत्र में विकासोन्मुख नहीं हो पाते तथा उनका जीवन ग्रहण लगकर प्रकाशहीन हो जाता है। पितृदोष हो तो देवता एवं ग्रह भी काम नहीं करते तथा जातक की उन्नति एवं कुंडली को लॉक कर देते हैं। ऐसे जातकों के बच्चे नशे का शिकार होकर अपने मां-बाप की इज्जत ठोकरों पर रखते हैं। इस अवसर पर निम्र प्रयोग कर लाभ उठा सकते हैं:

पितृ शांति: सोमवती अमावस्या के विशिष्ट योग में पितृ शांति हेतु व्रतधारण करके पितरों के नाम से गंगा स्नान करें। घर के प्रत्येक सदस्य से चांदी का सिक्का लेकर गंगा में प्रवाह करें। नए वस्त्र धारण करके श्रीकृष्ण मुखामृत गीता का पाठ करें ‘ú नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र की 108 आहूति दें। शिवलिंग व पीपल पर पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप करते हुए कच्चा दूध, खांड व काले तिल चढ़ाएं। ब्राह्मण, गाय, कौआ, कुत्ते को खीर व मालपुए खिलाएं, गौदान करें। साधु या ब्राह्मण को 5 वस्त्र दक्षिणा सहित दान करें।

धनदायक उपाय: पीपल के ताजा पत्ते पर 5 सुपारी रखें, श्रद्धा सहित पितरों का स्मरण करें और अगरबत्ती जलाएं। जल और फूल से पूजा करें। दही, चावल, मालपुए का भोग लगाकर गंगाजल को अघ्र्य दें और पितरों से धनलाभ की प्रार्थना करें।

काल सर्प दोष निवारण के लिए: तीन जटा वाले नारियल व एक किलो कच्चे कोयले सात बार उतार कर जल प्रवाह कर दें।

देसी घी का सूजी का हलवा तर करके चांदी के नाग-नागिन डालकर अपनी शक्ल देख कर संकल्प के साथ किसी जरूरतमंद को दान कर दें अथवा सिद्ध शिव मंदिर में चढ़ा दें।

कर्जा एवं रोग निवारण के लिए: सोमवती के दिन तैयार की गई (जड़ी-बूटी) औषधि अनेक प्रकार के कायिक एवं मानसिक रोगों में लाभकारी होती है। व्यापार में घाटा हो रहा है कर्ज़ बढ़ गया है तो अभिमंत्रित एकांक्षी श्रीफल एवं हल्टहकीक व गोमती चक्र को सिंदूर लगाकर सूर्योदय से पूर्व संकल्प एवं मंत्र जाप के साथ सोमवार को गंगा में विसर्जित कर दें या सोमेश्वर मंदिर में चढ़ा दें।

Jyoti

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