Smile please: इत्र नहीं, कर्म की खुशबू चाहिए- जानिए जीवन को बदलने वाले ये अमूल्य विचार

punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile please: शिकारी ने जंगल के कई कबूतर मार दिए। सबसे बड़ा कबूतर वृक्ष के पास पहुंचा तो उसने देखा शिकारी को ठंड लग रही है और भूखा है। वह कबूतर आग में गिर गया कि शिकारी मुझे खाकर अपनी भूख मिटा ले। पक्षी भी घर आए का सहयोग करते हैं, एक इंसान ऐसा है जो सारी उम्र दुश्मनी पाले रखता है। -गौर दास

एक पैसे का घमंड नहीं था रतन टाटा को। उनमें इतनी विनम्रता-कितनी सहजता-सहनशीलता थी। अमीर बनो तो रतन टाटा की तरह बनो। -नितिन गडकरी
निंदा से नहीं घबराएं। ङ्क्षनदा उनकी ही होती है जो जिंदा हैं। मुर्दों की तो हर कोई तारीफ करता है। जो लोग आपकी बुराई करते हैं वे हमेशा करेंगे, आप चाहे कितना भी अच्छा कर लो। आप शांत रह कर अपना काम करते रहो।

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कपड़ों को इत्र मत लगाओ, कर्म ऐसे करो कि जिनसे खुशबू आए। काम ऐसा करो जिससे दूसरों का भला हो। रोज रात को हिसाब करो, कोई अच्छा काम हुआ है तो अपने आपको थपथपाओ। -राष्ट्र संत चंद्रप्रभ

यह जीवन उनके लिए ठीक है जो एंज्वाय करते हैं और उनके लिए कठिन है जो दूसरों से तुलना करते हैं। उनके लिए सबसे ज्यादा खराब है, जो हर समय आलोचना करते रहते हैं।         —डा. अब्दुल कलाम

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एक-दूसरे का सहारा भी हमारे जीवन में बड़े काम करता है। सहारा भगवान श्री राम जी ने भी वानरों का लिया। शबरी ने श्री राम जी को पम्पा सरोवर, सुग्रीव का पता बतलाया और सुग्रीव ने प्रभु राम जी को सीता माता के जेवर दिखाए और सीता माता को रावण के चुंगल से छुड़ाने में जामवंत, अंगद जटायु, विभिषण, श्री हनुमान जी ने पूर्ण सहयोग दिया।                   —दर्शना भल्ला

बीज अपने आपको मिटा कर वृक्ष बनने में समर्थ होता है। पानी की बूंद जब मिटती है तो सागर बनती है। आत्मविस्तार के इच्छुकों को अपने उद्देश्य में तभी सफलता मिलती है जब वे स्वयं को मिटाने का साहस जुटा सकें।                  —पं. श्री राम शर्मा आचार्य

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Content Editor

Prachi Sharma

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