Smile Please: जब अपाहिज भिखारी ने सिखा दी खुशी की असली परिभाषा...

punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 06:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile Please: पैर से अपाहिज एक भिखारी सदा प्रसन्न और खुश रहता था। किसी ने पूछा, ‘‘अरे भाई, तुम भिखारी हो, लंगड़े भी हो, तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है। फिर भी तुम इतने खुश रहते हो। क्या बात है ?’’

वह बोला, ‘‘बाबू जी, भगवान का शुक्र है कि मैं अंधा नहीं हूं। भले ही मैं चल नहीं सकता, पर देख तो सकता हूं। मुझे जो नहीं मिला, मैं उसके लिए प्रभु से कभी कोई शिकायत नहीं करता बल्कि जो मिला है उसके लिए धन्यवाद जरूर देता हूं।’’

PunjabKesari Smile Please

यही है दुख में से सुख खोजने की कला। 
अपनी मेहनत और गाढ़े पसीने की कमाई को अपनी धर्मपत्नी के हाथों में सौंप देना क्योंकि घर की असली लक्ष्मी तो वही है। जो लक्ष्मी तिजोरी में बैठी है, वह तो हमेशा खड़ी है मगर घर की लक्ष्मी तो जीवन भर साथ देने वाली है।
जो व्यक्ति पैसों से शराब पीता है और घर आकर गृह लक्ष्मी का अपमान करता है, उसके साथ गाली-गलौच, मारपीट करता है तो वह जिंदगी में दोनों लक्ष्मी से वंचित हो जाता है। उसकी तिजोरी की लक्ष्मी तो सामने के दरवाजे से निकल जाती है और घर की लक्ष्मी पीछे के दरवाजे से चली जाती है।

PunjabKesari Smile Please

अगर आप युवा दम्पति हैं तो मेरी एक नसीहत ध्यान में रखिए। आज घर के बूढ़े ज्यादा बोलते हैं तो तुम्हें अच्छा नहीं लगता न ?

बस तुम इससे सबक ले लो कि कल जब तुम बूढ़े होंगे तो जरूरत से ज्यादा नहीं बोलोगे। अभी से कम बोलने का अभ्यास शुरू कर दो। वाणी को लगाम दो। कारण, कि जीवन में अधिकतर संघर्ष इसी से होते हैं। वाणी वीणा का काम करे, तब तो ठीक है, मगर जब बाण का काम करने लगती है तो जीवन में महाभारत मच जाता है।

PunjabKesari Smile Please


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News