Smile please: धैर्य की चुप्पी में ही छिपे हैं बदलाव के शब्द

punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 05:04 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile please: कड़ा परिश्रम करें-समस्याओं से हार नहीं मानें। बुराइयों से दूर रहें, चरित्रवान बनें। ज्ञान आपके जीवन का प्रवेश द्वार है। अपने देश से जी-जान से प्रेम करो। दुख से घबराएं नहीं, धैर्य बनाए रखें। बुरा वक्त जल्द चला जाता है। विचार ऊंचे, सोच बड़ी रखो। जैसा सोचोगे, वैसे बन जाओगे।                -डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

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बेटा पैदा होता है तो सब शहनाइयां बजाते हैं, भंगड़ा डालते हैं, खुशियां मनाते हैं। बेटे को जरा-सी तकलीफ होने पर रात भर नहीं सोते। थोड़ा-सा दुख बर्दाश्त नहीं कर सकते। ईश्वर ने मां-बाप का स्वभाव ही ऐसा बनाया है। वही बेटा जब बड़ा होकर ऊंचा बोलता है दिल को बड़ी चोट लगती है।        -दर्शना भल्ला

ऊंचा सोचो-दूसरों की बातें करना चुगली-निन्दा करना और सुनना छोड़ दो। अपनी सोच बदलो। कड़वी बातें आजकल कोई पसंद नहीं करता। अपने आप को बदलो। अंदर का कचरा बाहर निकाल दो। आपके मन को शांति मिलेगी। आपकी वाइब्रेशन शक्तिशाली बन जाएगी।             -बी.के. शिवानी

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ताली बजाने से कई रोगों से राहत मिलती है। शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। ताली बजाने से केवल ब्लड सर्कुलेशन नहीं बढ़ता, शरीर के सभी अंग एक्टिव हो जाते हैं। मन को शांति मिलती है। शरीर स्वस्थ रहता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। तनावों से राहत मिलती है।  

यदि आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्यार करें तो पहले आप खुद से प्यार करें। सफलता, असफलता को गर्व से अपनाना चाहिए। इन दोनों से ही हमें कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। गलतियों को कंधे पर लाद कर न फिरें। हर व्यक्ति के जीवन में खुशी और गम आते हैं। उतार, चढ़ाव सबके जीवन में आते हैं।

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह का कहना है कि यदि अपनी कमाई में से थोड़ा सा हिस्सा भी गरीबों की मदद करने में लगा दे तो देश से गरीबी का नामोनिशान मिट जाए और भारत खुशहाल हो जाए।
—अमरनाथ भल्ला, लुधियाना

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Content Editor

Sarita Thapa

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