Smile please: इस संसार में दरिद्रता समान कोई दुख नहीं
punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2025 - 01:00 PM (IST)
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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile please: संत- महापुरुषों के मिलन बिना जीवन में कोई सुख-चैन नहीं है। इस संसार में दरिद्रता समान कोई दुख नहीं है। मन, वचन और शरीर से परोपकार करना चाहिए। संत- महापुरुष आम लोगों के लिए दुख सहन करते हैं। संत भोज के वृक्ष के समान दूसरों के हित के लिए विपदा भी सहन करते हैं।
दुष्ट लोग पराई सम्पत्ति को नष्ट कर स्वयं भी नष्ट हो जाते हैं, जैसे ओले खेती का नाश कर स्वयं नष्ट हो जाते हैं। जैसे मक्खी अपनी जान देकर भी घी को खराब कर देती है। दूसरी ओर संतों का संग सदा ही इस तरह से सुखकर होता है, जैसे सूर्य विश्व भर के लिए सुखदायक होता है। हमेशा अच्छी संगत करो और अपने से बड़े-बुजुर्गों का आदर-सत्कार किया करो। उनसे मिली दुआएं तुम्हारा भाग्य बदल देंगी। -संत सुभाष शास्त्री
जीवन में समय कभी एक जैसा नहीं रहता। प्रसन्नता से दुख का सामना करने से दुख शीघ्र कट जाते हैं। यदि कुछ बनना चाहते हो तो दुख में भी खुश रहना सीखो। उदासीनता मनुष्य को चलती-फिरती जिंदा लाश बना देती है। -स्वेट मार्डेन
जब तक तू अपने आप में आपा-भाव रख अपनी प्रशंसा करता रहेगा, समझ लेना कि भक्ति तेरे से कोसों दूर है। आपा-भाव मिटाने से भक्ति प्राप्त होती है। जब तक मैं- मैं के अभिमान में पागल बना रहेगा, तब तक तुझे प्रीतम प्यारे के दर्शन नहीं होंगे। -श्री गुरु रविदास जी