Smile please: डर शरीर का रोग नहीं है, यह आत्मा को मारता है

Monday, Aug 28, 2023 - 09:38 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile please: मैं हरगिज यह नहीं चाहूंगा कि कोई भी हिन्दुस्तानी अपनी मातृभाषा को भूल जाए या उसकी उपेक्षा करे या उसे देखकर शरमाए अथवा यह महसूस करे कि अपनी मातृभाषा के जरिए वह ऊंचे से ऊंचा चेतना नहीं सकता। आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो। डर शरीर का रोग नहीं है, यह आत्मा को मारता है। ऐसे जियें कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है ।

किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए सोने की बेड़ियां लोहे की बेड़ियों से कम कठोर नहीं होंगी। चुभन धातु में नहीं वरना बेड़ियों में होती है। —महात्मा गांधी

जो मनुष्य अहंकार करता है उसका पतन अवश्य होता है। ईश्वर का न रूप है, न रंग। वह निराकार और अपार है। संसार में जो कुछ भी दिखाई देता है, वह उनकी महानता का वर्णन करता है। दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दें और सर्वश्रेष्ठ आपके पास वापस आएगा।

प्रार्थना किसी भी रूप में प्रभावशाली है क्योंकि यह एक क्रिया है जिसका फल अवश्य मिलेगा। इस बह्मांड का यही नियम है। शिष्य की योग्यता ज्ञान अर्जन के प्रति उसके प्रेम, शिक्षा प्राप्त करने की उसकी इच्छा, विद्वान और सदाचारी पुरुषों के प्रति उसकी श्रद्धा, गुरु के प्रति उसके आदर और उनके आदेशों के पालन में दिखाई देती है।   —स्वामी दयानंद सरस्वती

आप बड़े भाग्यशाली हैं जो आपके सिर पर बड़े-बुजुर्गों का साया है। बुजुर्ग आप के घर के जेवर हैं। इनसे घर की शान होती है। जिस घर में बुजुर्ग रहते हैं, ऐसे घर-परिवार फलते-फूलते हैं। वहां रौनक रहती है। बुजुर्गों के पास हर मुश्किल का हल होता है।

यह संसार एक बस है, परमात्मा इसका ड्राईवर है जिस पर परमात्मा कृपा करते हैं उस पर सब कृपा करते हैं।

रावण का नाना माल्यवंत रावण का श्रेष्ठ मंत्री था। उसने रावण को शिक्षा दी कि सीता को प्रभु श्री राम जी को सौंप दो। घर के बड़े-बुजुर्गों की बात मान लेनी चाहिए, लाभ होता है। रावण बोला तुम बूढ़े हो चुके हो, नहीं तो मैं तुम्हें जान से मार देता। जो परिवार को साथ लेकर नहीं चलते, उनका बुरा हाल होता है।

Niyati Bhandari

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