Smile please: विचार करें, क्या सच में हम सब भिखारी हैं

Saturday, Aug 26, 2023 - 09:35 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

हमारे बुजुर्ग जो हमसे बिछुड़ चुके हैं, वे जहां भी हैं, हमें आशीर्वाद देते हैं, भले ही वे हमें नजर नहीं आते। अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें, हमेशा सुखी रहोगे।    —अभिनेता धर्मेंद्र



मैं आज इसलिए सफल हूं कि मेरे दोस्त ऐसे थे जिनको मुझ पर पूरा भरोसा था। मुझमें उनको निराश करने की हिम्मत नहीं थी। सब दोस्त एक-दूसरे से सलाह-मशविरा कर काम करते थे। सबमें पूरा संगठन था। सब एक-दूसरे का सम्मान करते थे। कोई किसी से बात छुपाता नहीं था।  —अब्राहम लिंकन

जो आनंद दूसरों को खिलाने में है, वह स्वयं खाने में नहीं है। दूसरों के आंसू पोंछना शुरू कर दें फिर देखिए मन कितना शांत रहता है। (अज्ञात)

ईश्वर की अदालत में जब हमारी पेशी होगी तो वह हम से पूछेंगे कि मैंने आप को दो हाथ दिए थे, उनसे आपने कौन सा परोपकार किया है।



हम सब ‘भिखारी’ हैं
इस संसार में कौन भिखारी नहीं है ? सबके सब भिखारी हैं।
हम सब पेट से भूखे हैं, रोटी के पीछे भागते हैं, अत: रोटी के भिखारी हैं।
दौलत के चाहने वाले, दौलत के पीछे भागते हैं। वे दौलत के भिखारी हैं।
व्यभिचारी हवस के भूखे हैं। ये हवस के भिखारी हैं।
कुर्सी के चाहने वाले, जो नेता कहलाते हैं, ये वोटों के पीछे भागते हैं। वे सत्ता एवं वोटों के भिखारी हैं।
अपने मन की आंखों से देखें तो इस संसार में हर व्यक्ति किसी न किसी चीज का भिखारी है।
जिसकी तकदीर अच्छी होती है, वह अच्छाई बटोर लेता है और जिसकी तकदीर खराब होती है वह बुराई बटोर लेता है।
अमीर आदमी मंदिर के अंदर मांगता है और गरीब आदमी मंदिर के बाहर मांगता है।
तात्पर्य यह कि हम सब भिखारी हैं। उस ईश्वर से यही भीख मांगें कि हे प्रभु ! हमें अपने नाम दान की भिक्षा देना, जिससे हमें संतोषधन की प्राप्ति हो, जो दुनिया का सबसे अनमोल धन है।  

 

Niyati Bhandari

Advertising