Smile please: इस लम्हे में खुश रहिए, यह लम्हा ही जिंदगी है

Wednesday, Aug 17, 2022 - 11:52 AM (IST)

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Smile please: जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें क्योंकि एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे और महसूस करेंगे कि वे बड़ी चीजें थीं। छोटी चीजें जरूरी हैं क्योंकि वे हमारे जीवन के विशाल बहुमत को शामिल करती हैं। महत्वपूर्ण घटनाएं छिटपुट रूप से घटित होती हैं। छोटी-छोटी पल-पल होती रहती हैं। जब आप छोटी-छोटी चीजों की उपेक्षा करते हैं, तो आप अपने जीवन का काफी आनंद लेने से चूक जाते हैं। बचपन में कहानी सुनी थी- एक मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देती थी पर उसके मालिक ने बड़ी खुशी के लिए उस मुर्गी को मारकर सब अंडे साथ में निकालने की सोची। न अंडा मिला न मुर्गी बची। तो तात्पर्य ये है कि एक बड़ी खुशी से जीवन में छोटी-छोटी खुशियां ज्यादा मायने रखती हैं। 

कीजिए छोटी चीजों की सराहना
छोटी-छोटी बातों की सराहना किए बिना केवल बड़ी चीजों के बारे में सोचना हानिकारक भी हो सकता है। भव्य उपलब्धियों से जुड़ा एक बाहरी और आंतरिक दबाव है और बहुत अधिक दबाव में रहने से आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

चिंता की भावना, नींद न आना, बीमारियों से लड़ने की कमजोर क्षमता जीवन में अत्यधिक तनावग्रस्त होने के लक्षण भी हो सकते हैं। जाहिर है कि हमारे पास पहले से मौजूद साधारण चीजों का आनंद लेने की बजाय हमेशा अधिक चाहना एक बहुत ही असंतोषजनक जीवन की ओर ले जा सकता है।

लक्ष्य और सपने निश्चित रूप से फायदेमंद होते हैं, अधिक पाने की अतृप्त इच्छा आपको असंतुष्ट और आक्रोशित महसूस करा सकती है। निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास आपको वर्तमान क्षण में आनंद और कृतज्ञता से दूर कर देता है।

इस प्रकार की जो मानसिकता आपके पास है, वह उससे ध्यान हटा देती है और इसे कमी के विचारों पर लगा देती है। हालांकि, एक आभारी हृदय आपको अभी हो रही छोटी-छोटी चीजों की सराहना करने में अच्छाई देखने की अनुमति देता है। छोटी-छोटी चीजों की सराहना करने की क्षमता आपके जीवन को बड़े पैमाने पर उन्नत कर सकती है। 

छोटी-छोटी बातों पर जश्न मनाने और परिप्रेक्ष्य में थोड़े बदलाव के साथ हर दिन आभारी होने का कारण है। जिस तरह हर दिन की अपनी खुशियां होती हैं, उसी तरह हर दिन का अपना संघर्ष भी होता है। जब हमारे जीवन में छोटी-छोटी चीजों के लिए कृतज्ञता की कमी होती है, तो ये संघर्ष हमें और अधिक प्रभावित कर सकते हैं। 

अहंकार हमें सकारात्मक से अलग महसूस कराता है क्योंकि यह हमें विश्वास दिलाता है कि हम दूसरों की तुलना में अधिक हैं। अपनी पहचान की सराहना करें। आप एक विशाल स्पैक्ट्रम के भीतर एक अद्वितीय कोड हैं, हालांकि कुछ विपरीत कहते हैं।
अपने विचारों को हमेशा सकारात्मक होने की ओर केंद्रित करें और खुद को धोखा न दें। शुरू से ही वे बेहद साधारण सिफारिशों की तरह आवाज करते हैं लेकिन वास्तव में कई लोगों को समझना और आंतरिक रूप से जानना कठिन लगता है। हमें याद रखना चाहिए कि हम वही हैं जो हम करते हैं, और यह कि कोई भी बदलाव आसान नहीं।

खुशी भीतर ही है 
अक्सर लोग कहते हैं, ‘अरे खुश रहो यार। खुश रहने में कुछ पैसा नहीं लगता।’ क्या यह पूरी तरह सच है ? जरा पूछिए उस धनवान व्यक्ति से, जिसके पास दुनिया की तमाम ऐशो -आराम दे सकने वाली वस्तुएं मयस्सर हैं, मगर रूहानी खुशी, वास्तविक आनंद... क्या वह दौलत से खरीद सकता है ? नहीं न ? आनंद का अनुभव करने के लिए हमें वास्तव में बाहर नहीं खोजना चाहिए। खुशी हमारे भीतर ही है। 

आतंरिक ठहराव, संतुष्टि, सुकून और प्राणी मात्र के प्रति सद्भाव, दया, स्नेह  तथा परिस्थितियों का सामना करने की अपनी क्षमता का निरंतर बोध ही आपको वास्तविक खुशी प्रदान कर सकता है।

आप भीतर से संवेदनशील एवं सक्षम हो गए तो फिर क्या है। अपने चारों ओर नजरें घुमा के तो देखिए जिंदगी खुशियों से भरपूर दिखाई देगी। भंवरे का गुंजन, बच्चों की किलकारी, बारिश की टिप-टिप,उसके पश्चात धरती से उठती सौंधी-सौंधी खुशबू, हवा का आभास और न जाने क्या-क्या... ये सब आपको आहलादित कर देंगे। उमर खय्याम के प्रसिद्ध शब्दों में, ‘इस लम्हे में खुश रहिए, यह लम्हा ही जिंदगी है।’ 

कोशिश करनी चाहिए कि खुद भी खुश रहा जाए और दूसरों को भी खुश रखा जाए।  

Niyati Bhandari

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