Smile please: जब आपका मन हार मानने जैसा हो...

Friday, May 21, 2021 - 10:20 AM (IST)

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Anmol vichar: लक्ष्य की दिशा में प्रगति करना हमेशा सीधी लकीर में नहीं होता है। कई बार बेहतर बनने से पहले चीजों को बदतर बनना होता है। बाकी समय आपको यह लग सकता है कि आप दो कदम आगे और एक कदम पीछे रख रहे हैं। अगर आप अपने दीर्घकालीन लक्ष्यों पर दृष्टि जमाए रखें तो आप राह के झटकों को सही परिप्रेक्ष्य में रख सकेंगे।


जब आपका मन हार मानने जैसा हो, उन दिनों में प्रेरित बने रहने के लिए अपने अंतिम लक्ष्य को दिमाग में रखें। खुद को सृजनात्मक तरीकों से अपने लक्ष्य की याद दिलाएं। आप जो हासिल करना चाहते हैं उसे लिख कर दीवार पर टांग दें या अपने कम्प्यूटर का स्क्रीन सेवर बना लें, इससे आपको प्रेरित बने रहने में मदद मिलेगी।


कई दिन ऐसे भी होंगे जब आप हार मानने जैसा महसूस करेंगे और यह सवाल करेंगे कि क्या आपको अपना कार्य जारी रखना चाहिए। आप नाराज, निराश और कुंठित महसूस करते हैं, इसका यह मतलब नहीं है कि आपको हार मान लेनी चाहिए। इसके बजाय उन भावनाओं से निपटने के स्वस्थ तरीके खोजें और उन्हें प्रक्रिया का हिस्सा मानें। आप चाहें जो कर रहे हों, अगर आप तुरंत परिणामों की उम्मीद करते हैं तो आपको थकान का जोखिम होगा।

अपनी रफ्तार नपी-तुली रखें ताकि आप अपने लक्ष्यों तक बढ़ने की दिशा में आगे जाते समय सुनियोजित कोशिशें करें। आप अपनी मनचाही चीज को पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा तेजी से दौड़ लगा दें, इसके बजाय धीमी और स्थिर गति का महत्व जानने से आपको धैर्य हासिल करने और यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि आप सही मार्ग पर चल रहे हैं।

Niyati Bhandari

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