Smile please: समय का ग्रहण तो चांद और सूर्य भी झेलते हैं...

Sunday, Feb 07, 2021 - 11:02 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हैं क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।      —गीता


शुद्ध आशय हो तो रूखे वचन को भी सज्जन रूखा नहीं समझता। —अश्वघोष

चरित्र को बनाए रखना आसान है, उसके भ्रष्ट हो जाने के बाद उसे सुधारना कठिन है। —भारवि

अपने युग को हीन समझना आत्महीनता होगी।   —मैथिलीशरण गुप्त              


अपने हृदय की क्षमा, दया और प्रेम की भावनाओं से अपने चेहरे को जितना सुंदर बना सकते हो उतना किसी अन्य उपचार से नहीं।         —ईसा मसीह

प्रसिद्धि वीरता के कामों की महक है। —महाभारत

गुरु मोक्षद्वार के द्वारपाल हैं। प्रभु से मिलना है तो गुरु का आलम्ब होना आवश्यक है। —मीरा


अपना हाथ आगे बढ़ाने से कभी मत हिचकिए, दूसरे का आगे बढ़ा हाथ थामने से कभी मत हिचकिए। —चाणक्य

जोखिम उठाइए, पूरी जिंदगी एक जोखिम है। सबसे आगे निकलने वाला व्यक्ति सामान्यत: वह होता है जो कर्म और दुस्साहस के लिए इच्छुक हो। —शेख सादी

अपने जीवन की तुलना किसी के साथ नहीं करनी चाहिए, सूर्य और चंद्रमा के बीच कोई तुलना नहीं है जब जिसका वक्त आता है वह चमकता है।



ऊंचाई पर वो पहुंचते हैं जो प्रतिशोध के बजाय परिवर्तन की सोच रखते हैं।

जिंदगी छोटी नहीं होती है, लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं। जब तक रास्ते समझ में आते हैं तब तक लौटने का वक्त हो जाता है। बस यही जिंदगी है।

परमात्मा सभी को एक ही मिट्टी से बनाता है। बस फर्क इतना है कि कोई बाहर से खूबसूरत होता है तो कोई भीतर से।

गलत आरोपों को लेकर चिंतित न रहें बल्कि उसका सामना करें, याद रखिए समय का ग्रहण तो चांद और सूर्य भी झेलते हैं।

 

 

Niyati Bhandari

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