सावधान! कहीं आपको भी दिन में सोने की आदत तो नहीं

Saturday, Nov 26, 2016 - 10:44 AM (IST)

पुराणों के अनुसार सूर्योदय से दिन का आरंभ और सूर्यास्त पर विराम होता है। दोनों समय कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं इसके लिए भी विशेष विधान है। आयुर्वेद और शास्त्रों के अनुसार दिन में सोना नहीं चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है-


दिवास्वापं च वर्जयेत्।

अर्थात दिन में नींद लेना न्यायोचित नहीं है। शास्त्रों में कहा गया है कि सुबह जल्दी उठना चाहिए और रात को जल्दी सोना चाहिए दिन में केवल बीमार व्यक्ति ही नींद व आराम कर सकते हैं अन्य लोगों के लिए शास्त्रों में इसकी मनाही है। सूर्योदय से पूर्व उठना शास्त्र सम्मत ही नहीं है बल्कि स्वास्थ्य और समृद्घि के लिए भी अच्छा है। सुबह देर तक सोने से शरीर में रोग और शोक अपना बसेरा बना लेते हैं। जहां रोग और शोक होगा वहां लक्ष्मी का बसेरा नहीं हो सकता।


अकसर गृहस्थ महिलाएं और नाईट शिफ्ट में काम करने वाले दिन में सोते हैं। जिससे उन्हें बहुत सारे रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं। दिन में सोने वाले का शरीर आलस्य का घर बन जाता है। 


इसके अतिरिक्त सुबह और गोधूली के समय मैथुन नहीं करना चाहिए। इन नियमों का पालन न करने वालों के घर में आर्थिक एवं मानसिक परेशानी बनी रहती है। 

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