स्कंद षष्ठी 2019: इन मंत्रों के जाप से मिलेगी भगवान कार्तिकेय की कृपा

Saturday, Oct 19, 2019 - 09:10 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा का विधान है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक षष्ठी तिथि और मंगल ग्रह के स्वामी हैं भगवान कार्तिकेय का दक्षिण दिशा में निवास स्थान है। इसीलिए कहा जाता है जिन जातकों की कुंडली में नीच का मंगल होता है, उन्हें इसे मज़बूत बनाने व शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस दिन कार्तिकेय का व्रत करना चाहिए।

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कार्तिकेय अपने माता-पिता और छोटे भाई श्री गणेश से नाराज़ होकर कैलाश पर्वत छोड़कर मल्लिकार्जुन (शिव जी के ज्योतिर्लिंग) आ गए थे और कार्तिकेय ने स्कंद षष्ठी को ही दैत्य तारकासुर का वध किया था तथा इसी तिथि को कार्तिकेय देवताओं की सेना के सेनापति बने थे। स्कंद पुराण में ऋषि विश्वामित्र द्वारा रचित कार्तिकेय 108 नामों का भी उल्लेख हैं। इस दिन निम्न मंत्र से कार्तिकेय का पूजन करने का विधान है। खासकर दक्षिण भारत में इस दिन भगवान कार्तिकेय के मंदिर के दर्शन करना बहुत शुभ माना गया है।

स्कंद षष्ठी पूजन विधि:
स्कंद षष्ठी के दिन जातक को दक्षिण दिशा की तरफ़ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए। पूजन में घी, दही, जल और पुष्प से अर्घ्य प्रदान करना चाहिए और रात्रि में भूमि पर शयन करना चाहिए।

भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र -
'देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥'


शत्रु नाश के लिए पढ़ें ये मंत्र-     
ॐ शारवाना-भावाया नम:
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।

इसके अलावा स्कंद षष्ठी एवं चंपा षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय के निम्न मंत्रों का जाप भी किया जा सकते है-

कार्तिकेय गायत्री मंत्र-
'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात'।

Jyoti

Advertising