यहां स्थित हैं एक साथ दो शिवलिंग, भक्तों को मिलता है शिव जी का आशीर्वाद

Sunday, May 31, 2020 - 03:33 PM (IST)

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आए दिन हमा आपको ऐसे विभिन्न मंदिरों केबारे में बताते रहते हैं, जिस से संबंधित रहस्य आपको चौका देते हैं। तो अपनी इस कड़ी को आगे भी बरकार रखते हुए हम आपको आज बताने वाले हैं ऐसे शिवालय के बारे में जिसका रहस्य अपने आप में बहुत रहस्यमयी व अद्भुत है। दरअसल जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं, वो सतना जिले के उचेहरा तहसील के रगला गांव में स्थित है, जिसे सिद्ध शिवालय धाम के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है मंदिर के उत्तर में कुलपुरा पश्चिम में उचेहरा दक्षिण में रगला और पूर्व में नरहवी गांव स्थित हैं। स्थानीय निवासियों बताते हैं ये अति प्राचीन मंदिर पूरे क्षेत्र की आस्था का केंद्र है। दूर-दूर से यहां लोग अपने बच्चों का मुंडन और कन्छेदन संस्कार करवाने के लिए आते हैं। 

पंजाब केसरी के संववाददाता रवि शंकर पाठक की रिपोर्ट के अनुसार इस शिवालय में प्राचीन काल से ही हर वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। यहां के लोगों के कहे अनुसार ये मंदिर पहले घने जंगलों के बीचो बीच स्थित था, जहां पर हमेशा जंगली जानवरों का डेरा लगा रहता रहा था। बता दें प्राचीव काल में मंदिर के चारों ओर लमाना जनजाति के लोग बड़ी मात्रा में रहते रहे हैं। 

कहा जाता है इस जगह पर आज भी खुदाई करने पर इनके प्रमाण मिलते हैं। तो वहीं इस शिवालय में स्थित शिवलिंग को लेकर भी यही मान्यता है कि ये प्राचीन शिवलिंग भी  खुदाई के दौरान ही मिला था। ऐसा कथाएं प्रचलित हैं कि यहां रहने वाले लमाना लोगों को स्वप्न में दर्शन देकर भोलेनाथ ने उन्हें स्वयं बताया था कि मैं यहां इस जगह पर स्थापित हूं, यहां मुझे स्थापित कर और विधिवत पूजा करो। जो भी भक्त यहां सच्च श्रद्धा से यहां मेरे आगे आकर सिर झुकाएगा मैं उसे अपने शारीरिक व्याधि से मुक्ति मिलेगी। 

बता दें ये विश्व का पहला मंदिर है जहां दो शिवलिंग हैं और दूसरे शिवलिंग को पार्वती के रूप में पूजा जाता है, जो मुंडन और कंछेदन के लिए प्रसिद्ध है। यहां आन वाले लोगों को जीवन में किसी प्रकार की महामारी नहीं सताती। बताया जाता है ये शिवलिंग 13वीं शताब्दी का है। 


 

Jyoti

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