Kundli Tv- किसी भी हाल में इन्हें अकेला नहीं छोड़ते भगवान

Saturday, Nov 03, 2018 - 03:04 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
वैसे तो भगवान अपने सभी भक्तों से एक समान प्यार और कृपा करते हैं लेकिन श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार कुछ एेसे लोग होते हैं, जिनकी खुद भगवान हर मुश्किल समय में रक्षा करते हैं। तो आइए जानतें हैं श्रीमद्भागवत के एक श्लोक के बारे में जिसमें श्रीकृष्ण ने खुद बताया है कि वो किन लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ते और उन्हें हर परेशानी से निकालते हैं।

श्लोक-
सुरक्षित गोस्वामीअनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जना: पर्युपासते।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्य़।। गीता 9/22।।

अर्थात: गीता के इस श्लोक का अर्थ है जकि जो भक्तजन अनन्य भाव से मेरा चिंतन करते हुए मुझे पूजते हैं, ऐसे नित्ययुक्त साधकों के योगक्षेम को मैं स्वयं वहन करता हूं। 

भावार्थ: 
इस श्लोक के अनुसार जिस व्यक्ति के मन में हर समय केवल परमात्मा ही बसें हों और उनसे बढ़कर उसके लिए दुनिया में कोई न हो, वही परम भक्त माना जाता है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो भक्त हर सिर्फ केवल मेरा ही चिंतन करते हुए यानि मुझे ही याद करता रहता है दूसरे किसी भाव को अपने भीतर भी नहीं लाता, सिर्फ़ मेरा ही पूजन करता रहता है, एेसे भक्तों की साधना से खुश होकर मैं स्वयं उनकी रक्ष्षा करता हूं। 

इसका मतलब यह है कि भक्त ने जो भी साधना आज तक की है, वह संस्कार रूप में चित्त में जाकर इक्कट्ठी हो जाती है, फिर उसका नाश नहीं होता, क्योंकि परमात्मा उसकी रक्षा करते हैं और वह साधना, साधक को अध्यात्म मार्ग में आगे बढ़ने के लिए और भी प्रेरित करती है।
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Jyoti

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