Shri Ram Janmabhoomi in Ayodhya: आज तृप्त होगी योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ की आत्मा

Monday, Jan 22, 2024 - 09:11 AM (IST)

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गोरखपुर (वार्ता): अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर सोमवार को भव्य राम मंदिर में रामलला के श्यामल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अस्थायी तंबूनुमा मंदिर में दशकों तक रहने के बाद भगवान राम, लक्ष्मण और माता जानकी की पूज्य प्रतिमा का दर्शन पूजन शुरू होगा। इसके साथ ही उन सहस्त्रों रामभक्तों की आत्माए भी तृप्त हो सकेंगी जिन्होने जन्मभूमि आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। ऐसे ही रामभक्तों में एक प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु एवं पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ थे जिनकी अंतिम सांस तक हृदय में प्रभु रामलला की मनोहारी छवि और मन मस्तिष्क में रामजन्मभूमि पर रामलला के विराजमान होने का सपना था। 

वर्ष 2014 में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ 96 वर्ष के हो चुके थे। उम्रजनित रोगों के कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था। जुलाई में स्थिति गंभीर होने पर योगी ने उनको गुड़गांव के वेदांता में भर्ती कराया था, इस बीच उनको देखने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंघल आए। दोनों देर तक एक-दूसरे को देखते रहे। अंत में गुरुदेव ने सिर्फ इतना कहा, ‘अशोकजी मैं मंदिर का निर्माण देख नहीं पाऊंगा क्या।’ चूंकि यह बड़े महाराज (प्यार से ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ को लोग यही कहते थे) का एक ही सपना था, उनके जीते-जी अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण उनके जीवनकाल में हो। 

लिहाजा जब उम्र साथ छोड़ने लगी तो राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा कोई भी महत्वपूर्ण व्यक्ति उनके पास आता था तो यह सवाल वह उससे कई बार पूछते थे। तब भी जब वह बढ़ती उम्र की वजह से भूलने लगे थे क्योंकि यह एक सवाल था, एक ऐसा सपना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया था कि यह उनके दिलो दिमाग पर अमिट रूप से चस्पा हो गया था।

Niyati Bhandari

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