Shri Radhavallabh Lal Ji Temple Vrindavan: आज से आरंभ होगा हरिवंश महाप्रभु का 550वां जन्मोत्सव

Sunday, Apr 23, 2023 - 08:02 AM (IST)

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Shri Radhavallabh Lal Mandir Vrindavan: श्री राधा वल्लभ मंदिर, वृंदावन में श्री राधाकृष्ण एक युगल जोड़े के रूप में विराजित हैं। वह दो नहीं बल्कि एकाकार हैं। श्री हित हरिवंश महाप्रभु श्री राधा वल्लभ लाल जी के स्वरूप को लेकर वृंदावन आए तथा मदनटेर, जिसे ऊंची ठौर कहा जाता है, वहां उन्हें विराजित किया। उनके बड़े पुत्र वंचन महाप्रभु गद्दी पर बैठे। श्री हितहरिवंश महाप्रभु की गुरु राधारानी हैं और उनके बगल में जो छोटी-सी गद्दी है, वह राधारानी के गुरु रूप की है।

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गोस्वामी तिलकायत अधिकारी जी के अनुसार हरिवंश महाप्रभु का 550वां जन्मोत्सव वैशाख शुक्लपक्ष एकादशी 1 मई को मनाया जाएगा। इस उत्सव के लिए न केवल भारत बल्कि विदेशों से भी भक्त आ रहे हैं। मंदिर में 23 अप्रैल से 1 मई तक उत्सव चलेगा। इसमें अनेक प्रकार से राधा वल्लभ जी कई तरह के कुंजों (लता-झाड़ियों से घिरा हुआ मंडप) में विराजित होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे।

प्रतिदिन शाम के समय भक्त नृत्य-गायन की कला प्रकट करेंगे और प्रतिदिन महापुरुषों लिखित वाणी का गायन होगा। अक्षय तृतीया के दिन श्री राधा वल्लभ चंदन कुंज में और फूल बंगले में विराजेंगे। इसी क्रम में आगे चलते हुए नित्य फूल बंगले परिवर्तित होंगे जैसे गुलाब, चमेली आदि। इन फूल बंगलों को विशेष कारीगर नहीं बल्कि मंदिर के गोस्वामी और उनके प्रेमी भक्त अपने प्रेम भाव से सजाते हैं।  

1 मई को सुबह पहले तो श्री हितहरिवंश महाप्रभु का बधाई गायन चलेगा और मंगला आरती होगी। श्री राधा वल्लभ जी के गर्भ गृह के उस समय दर्शन होंगे, उनका अभिषेक होगा। 9 बजे के लगभग शृंगार आरती होगी। उसके बाद मंदिर प्रांगण में दधिकांदा होगा। दधिकांदा में भक्त अपने मन की खुशी से टॉफियां, खिलौने, फल, मिठाई आदि लुटाते हैं।

शाम को भजन-कीर्तन का कार्यक्रम चलेगा। सभी कुंजों का मिश्रण करके मंदिर प्रांगण को सजाया जाएगा। शाम को विशेष सवारी निकलेगी, जो श्रीराधा वल्लभ मंदिर से लेकर रास मंडल तक जाएगी। उसमें भक्त नाचते-गाते हुए श्री राधा वल्लभ जी के प्रेम में रंग कर चलेंगे।  

Niyati Bhandari

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