यहां मात्र 5 रुपए का प्रसाद चढ़ाने से मां करती हैं हर मनोकामना पूरी

Tuesday, Oct 04, 2022 - 04:23 PM (IST)

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नवरात्रि पर्व के दौरान हम आपको लगातार इससे जुड़ी तमाम खबरें व जानकारी आपको देते आ रहे हैं। इसी कड़ी में आखिरी नवरात्रि के अवसर पर हम आपको एक बार फिर बताने जा रहे हैं इससे जुड़ी खबर। दरअसल हम बताने जा रहे हैं ग्वालियर शहर के नई सड़क स्थित पहाड़ा वाली माता मंदिर पर विशेष पूजा-अर्चना का दौर चल रहा है। नवरात्रि में यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है। दूर दूर से यहां भक्त माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। शारदीय नवरात्रि में मां का हर दिन अलग-अलग श्रंगार किया जा रहा है और विभिन्न सांस्कृतिक व भजन संध्या कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे है। बताया जाता है यहां रोज़ाना मंदिर में 4 बार आरती की जाती है। जिनमेम विशेष कर सुबह श्रृंगार आरती, शाम को संध्या आरती और फिर दूध भोग आरती की जाती है। भक्त यहां पूरे श्रद्धा भाव से मां की पूजा अर्चना में लगे हुए हैं।

बात करें मंदिर के इतिहास की तो यह मंदिर 400 साल पुराना है जहां नवदुर्गा में पूजा के लिए स्थानीय पुजारी नहीं बल्कि डीडवाना नागौर राजस्थान से पुजारी आते हैं जो पूरे 9 दिन की पूजा अर्चना करवाते हैं। ये ऐतिहासिक पुजारियों के 7 परिवार हैं जो हर 1 साल में एक पुजारी का नंबर आता है। बता दें इस वर्ष गंगाधर शर्मा के परिवार द्वारा पूजा कराई जा रही है।

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मंदिर से जुड़ी पौराणिक किंवदंतियों की बात करें तो राजेश बित्थरीय बताते हैं कि प्राचीन समय में औरंगजेब ने जब आक्रमण किया था और हिंदू मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था तब डीडवाना नागौर राजस्थान में स्थित माता के मंदिर से व्यापारियों द्वारा मूर्ति को खंडित होने से बचाने के लिए उसे वहां से उठाकर भागना पड़ा। इसके बाद वह ग्वालियर पहुंचेकर विश्राम करने के लिए रुके थे। जहां से आगे जाने के लिए उठे तो माता की मूर्ति लाख कोशिशों के बाबजूद भी नही उठा सके। जिसके चलते यहां मंदिर बनवाने का निर्णय लिया। बताते हैं उस समय यहां पर पहाड़ हुआ करते थे उस वजह से इनका नाम डीडवाना पहाड़ाय वाली माता पड़ा।

मंदिर से जुड़ी अन्य मान्यता के अनुसार यहां खोई हुई चीज़ की मां के दरबार में अर्जी लगाने और मात्र 5 रुपए का प्रसाद चढ़ाने से खोई हुई चीज निश्चित ही मिल जाती है। कई भक्त तो यहां 50 साल से लगातार दर्शन करने आ रहे हैं। यहां भक्तों द्वारा माता के दर्शन कर नारियल, चुनरी भेंट करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की अर्जी लगाते। खासतौर पर नवदुर्गा अष्टमी को यहां हवन करवाया जाता है और नवमी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।

Jyoti

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