17 से 19 दिसम्बर तक मनाया जाएगा सत्गुरु श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज का निर्वाण उत्सव

Tuesday, Dec 17, 2019 - 09:48 AM (IST)

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जीवन उत्थान के लिए सत्संग, सेवा, सिमरन, संयम व सादगी अति आवश्यक है। मनुष्य शरीर परमपिता परमात्मा की अहैतुकी सुकृपा से मिला है। इस शरीर में परमेश्वर की प्राप्ति की जा सकती है। वे लोग धन्य हैं जो शास्त्र सम्मत जीवन जीते हैं और तन, मन तथा धन से धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में अग्रसर रहते हैं।

श्री हरमिलाप मिशन के 11वें सत्गुरु देव श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज ने लगभग 61 वर्षों तक मानव धर्म का प्रचार किया और लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई। जीवन उसी का धन्य है जो इंसान बन कर जीता है। सत्गुरु श्री हरमिलापी जी महाराज अपने प्रवचनों में फरमाते रहे हैं : ‘जीना ऐसा जीना होवे, जी न कोई कलपाये तूं, मरना ऐसा मरना होवे, मर कर फिर न आये तूं।
वह हमेशा संदेश देते रहे हैं कि हरमिलापी बन के दुनिया में सदा गुजरान कर, दिल किसी का मत दुखा, तू हर में हरि पहचान कर। 

परमात्मा सर्वव्यापक व शक्तिमान हैं। इसलिए हर में हरि का नूर देखने  वाला ही सच्चा इंसान है। सत्गुरु श्री हरमिलापी जी ने देश विभाजन के बाद भारत में 108 धर्म स्थान बनाने का संकल्प लिया। वह फरमाते रहे हैं कि धर्म स्थानों में आकर मन निर्मल तथा अंत:करण पवित्र होता है। धर्म स्थानों में जो झुक कर आते हैं उनकी मंगलकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने हमेशा फरमाया है कि मंदिरों में इंसान की बनाई मूर्तियों की पूजा की सफलता के लिए भगवान के बनाए इंसा की सेवा करें। उनका महाकाव्य है कि इबादत है दुखियों की इमदाद करना, जो नाशाद हैं उनका दिल शाद करना, खुदा की नमाज और पूजा यही है जो बर्बाद हैं उनको आबाद करना।

सत्गुरु जी महाराज ने बरेली में एक मुसलमान चुन्नु मियां उर्फ फजल रहमान से श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर बनवा कर देश के इतिहास में साम्प्रदायिक एकता की मिसाल कायम की और फजल रहमान को फजल-ए-राम बनाया। उन्होंने फरमाया कि न हिन्दू बुरा है न मुसलमान बुरा है। जो बुराई करता है वो इंसान बुरा है। इस मंदिर का 16 मई,1960 को उद्घाटन करते हुए तत्काल राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद जी ने भी श्री हरमिलापी जी द्वारा किए गए इस महान कार्य को प्रेरणा का स्रोत बताया। श्री हरमिलापी जी ने समय-समय पर राष्ट्रीय सुरक्षा कोष के लिए प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्री लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी व श्री मोरार जी देसाई को विशेष योगदान दिया। श्री हरमिलापी जी ने लोगों की सुविधा के लिए हरिद्वार में श्री हरमिलाप मिशन राजकीय अस्पताल बनवाया।

सत्गुरु श्री मुनि हरमिलापी जी महाराज का निर्वाण उत्सव 17 से 19 दिसम्बर तक श्री हरमिलाप भवन, हरिद्वार में सत्गुरु श्री मदन मोहन हरमिलापी जी महाराज की अध्यक्षता में मनाया जाएगा।    


 

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