Kalki Jayanti: भगवान कल्कि की मूर्ति को पुजारी के अलावा कोई छू नहीं सकता

Tuesday, Aug 22, 2023 - 01:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kalki Jayanti 2021: आज श्री कल्कि अवतार जयंती है। कलियुग में पाप हरेंगे कल्कि, हमारे धर्मशास्त्रों में भगवान कल्कि की दसवें अवतार के रूप में चर्चा है। कहा गया है कि ज्यों-ज्यों घोर कलियुग आता जाएगा, त्यों-त्यों दिनों-दिन धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु और बल का लोप होता जाएगा। कलियुग में जिसके पास धन होगा, उसी को लोग कुलीन, सदाचारी और सद्गुणी मानेंगे। जो जितना छल, कपट करेगा, वह उतना ही व्यवहार-कुशल माना जाएगा। जो जितना अधिक दम्भ-पाखंड करेगा, उसे उतना ही बड़ा साधु समझा जाएगा। धर्म का सेवन यश के लिए किया जाएगा।

सारी पृथ्वी पर दुष्टों का बोलबाला हो जाएगा। राजा होने का कोई नियम न रहेगा। जो बली होगा, वही राजा बन बैठेगा। उस समय के नीच राजा अत्यंत निर्दयी एवं क्रूर होंगे। उनसे डरकर प्रजा पहाड़ों और जंगलों में भाग जाएगी। उस समय भयंकर अकाल पड़ जाएगा। लोग भूख-प्यास तथा नाना प्रकार की चिंताओं से दुखी रहेंगे। वे पत्तियों को खाकर पेट भरेंगे। मनुष्य चोरी, हिंसा आदि अनेक प्रकार के कुकर्मों से जीविका चलाने लगेंगे।

कलिकाल के दोष से प्राणियों के शरीर छोटे-छोटे होंगे। गौएं बकरियों की तरह छोटी-छोटी और कम दूध देने वाली हो जाएंगी। वानप्रस्थी और संन्यासी आदि गृहस्थों की तरह रहने लगेंगे। लोग धर्म शास्त्रों की खिल्ली उड़ाएंगे। वेद-पुराण की निंदा करेंगे। पूजा-पाठ को सिर्फ ढकोसला मानेंगे। धर्म में पाखंड की प्रधानता हो जाएगी। इस प्रकार कलियुग का अंत होते-होते पृथ्वी पर हिंसा और जातीय संघर्ष बढ़ जाएगा। तब ऐसी स्थिति में धर्म की रक्षा करने के लिए स्वयं भगवान अवतार ग्रहण करेंगे और विष्णु जी कल्कि अवतार लेकर कलियुग का अंत करेंगे और धर्मयुग की स्थापना करेंगे।

कल्कि अवतार आज भी लोगों के लिए रहस्य है। इस अवतार को लेकर लोगों के मन में कई तरह की जिज्ञासाएं पाई जाती हैं। हर कोई जानना चाहता है कि भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार कब लेंगे? कहां लेंगे? उनका रूप कैसा होगा? उनका वाहन क्या होगा?  ऐसे तमाम सवालों के जवाब श्रीमद्भागवत महापुराण में मौजूद हैं। श्रीमद्भागवत-महापुराण के बारहवें स्कन्द में दिया गया 

श्लोक- सम्भलप्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मन:। भवने विष्णुयशस: कल्कि प्रादुर्भविष्यति॥

अर्थात- संभल-ग्राम में विष्णु यश नामक एक ब्राह्मण होंगे। उनका हृदय बड़ा उदार और भगवत भक्ति से पूर्ण होगा। उन्हीं के घर कल्कि भगवान अवतार लेंगे।

श्रीमद्भागवत महापुराण में बताई गई जगह आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में संभल नाम से मौजूद है। यहीं पर भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार लेंगे। पुराण के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कल्कि अवतार लेंगे इसलिए इस दिन कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है।

कल्कि अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल में होगा। भगवान विष्णु का यह अवतार सभी 64 कलाओं से युक्त होगा। कल्कि अवतार में भगवान का वाहन देवदत्त नामक घोड़ा होगा। इसी पर सवार होकर भगवान सभी पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे। 

भगवान जब कल्कि के रूप में अवतार ग्रहण करेंगे, उसी समय सत्य युग का प्रारम्भ हो जाएगा। प्रजा सुख-चैन से रहने लगेगी। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जहां कल्कि अवतार होगा, वहीं पर भगवान कल्कि का एक प्राचीन मंदिर मौजूद है। इस मंदिर में मौजूद भगवान कल्कि की मूर्ति को पुजारी के अलावा कोई छू नहीं सकता है। सभी भक्तों को दूर से ही भगवान के दर्शन करने होते हैं। इस मंदिर परिसर में एक मंदिर भगवान शिव का भी है।

Niyati Bhandari

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