श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड अधिकारियों के रवैये से लंगर कमेटियां खफा, आंदोलन की चेतावनी

Thursday, May 26, 2022 - 06:51 PM (IST)

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जालंधर :
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों और लंगर कमेटियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के दौरान बोर्ड अधिकारियों द्वारा की गई कथित बदसलूकी के बाद लंगर कमेटियों के पदाधिकारी बोर्ड के रवैये से खफा हैं और श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर इस साल लंगर न लगाने का फैसला कर सकते हैं। इस सिलसिले में लंगर कमेटियों ने एक 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है और यह कमेटी लंगर लगाने वाली संस्थाओं की अगली रणनीति तय करेंगी और मांगें न माने जाने की स्थिति में बोर्ड के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।  

श्री अमरनाथ यात्रा भंडारा आर्गेनाइजेशन सायबो के अध्यक्ष राजन कपूर ने बताया कि सायबो और सैबलो यात्रा मार्ग पर लगाए जाने वाले 115 भंडारों का नेतृत्व करते हैं और इन दोनों संगठनों की बैठक में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अपनाए गए तानाशाही, घृणापूर्ण, अनैतिक और अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों श्राइन बोर्ड के सी.ई.ओ. नीतिश्वर कुमार और ओ.एस.डी. अनूप सोनी के साथ भंडारा कमेटियों की बैठक थी, ये दोनों अधिकारी अपनी ही बुलाई गई मीटिंग में पहले लेट आए और आते ही लंगर लगाने वाले संगठनों को डराना-धमकाना और चेतावनी देना शुरू कर दिया। 2019 में अनूप सोनी द्वारा श्राइन बोर्ड ज्वाइन किए जाने के बाद से ही उनका व्यवहार भंडारा कमेटियों के प्रति नकारात्मक रहा है। 

उन्होंने कहा कि लंगर लगाने वाली संस्थाएं श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर दशकों से निःशुल्क सेवाएं दे रही हैं, ऐसे में उनकी सराहना करने की बजाय अधिकारियों द्वारा की गई बदसलूकी असहनीय है। उनके इस व्यवहार से लंगर कमेटियों के अधिकारी आहत हुए हैं, क्योंकि बैठक के दौरान उन्हें बोर्ड द्वारा मनमाने तरीके से तैयार किए गए निर्धारित नियमों का पालन न करने की स्थिति में संगठनों का पंजीकरण रद्द करने की चेतावनी देने और लंगर को हमेशा के लिए बंद करने की धमकी दी गई है। बोर्ड का यह रवैया लंगर कमेटियों को हतोत्साहित करने और यात्रा को पटरी से उतारने का प्रयास है। बोर्ड के इस रवैये के खिलाफ लंगर कमेटियां देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलने के अलावा केंद्र के अन्य मंत्रियों अथवा अधिकारियों के साथ भी मिलेंगी। 

लंगर कमेटियों की तरफ से विजय ठाकुर ने कहा कि यात्रा मार्ग पर यात्रियों के लिए रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड की थी, लेकिन श्राइन बोर्ड इस काम में विफल रहा, ऐसे में बोर्ड का यह काम लंगर लगाने वाली संस्थाएं कर रही हैं। लिहाजा बोर्ड को इन संस्थाओं के काम की सराहना करनी चाहिए, उल्टा ये लंगर लगाने वाली संस्थाओं को डरा-धमका रहे हैं और ऐसा तब हो रहा है, जब कश्मीर में धारा 370 हटाई जा चुकी है और हिंदुवादी सरकार देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। लंगर कमेटियों ने गृह मंत्री अमित शाह से श्राइन बोर्ड के अधिकारियों की तानाशाही का संज्ञान लेने की मांग करते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इसके साथ ही लंगर कमेटियों पर थोपी जा रही मनमानी शर्तों पर भी पुनर्विचार करने की अपील की है, ताकि लंगर कमेटियां सरकार के साथ मिलकर दो साल बाद हो रही इस यात्रा को सफल बना सके। 
 

Jyoti

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