क्या आतंकवादी नेता प्राकृतिक रूप से बनने वाले पवित्र हिम शिवलिंग को झुठला सकते हैं?

Tuesday, Jul 16, 2019 - 11:02 AM (IST)

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गोराया (छाबड़ा): क्या आतंकवादी, अलगाववादी एवं पाक परस्त नेता धरती के स्वर्ग कश्मीर की हसीन वादियों में बर्फ से ढंके पर्वतों में प्राकृतिक रूप से बनने वाले पवित्र हिम शिवलिंग को झुठला सकते हैं? क्या आतंकवादी, अलगाववादी, पाक परस्त नेता इस कुदरती करिश्मे को होने से रोक सकते हैं? 

यह संभव नहीं है क्योंकि कुदरत से लडऩा मतलब अपना नुक्सान करना है। यह शब्द धार्मिक संस्था शिव शक्ति सेवा मंडल बुढलाडा की गोराया शाखा के कोषाध्यक्ष मनोहर लाल कालड़ा ने कहे। 

उन्होंने कहा कि जब-जब इंसान कुदरत के खिलाफ चला तब-तब उसे मुंह की खानी पड़ी। भगवान भोलेनाथ भंडारी कहते हैं, ‘‘हे भक्त तू मेरी तरफ एक कदम बढ़ाकर देख मैं तेरी तरफ सौ कदम बढ़ाने को तैयार बैठा हूं।’’ 

यह सत्य है कि श्री अमरनाथ स्वामी की पवित्र गुफा की खोज बूटा मलिक नामक मुसलमान गडरिए ने की थी। बूटा मलिक जोकि नेकदिल, दयालु इंसान था। एक दिन भेड़ों को चराते-चराते बहुत दूर निकल गया। एक जंगल में पहुंच कर बूटा मलिक की एक साधु से भेंट हुई। साधु ने बूटा मलिक को एक कोयले से भरी कांगड़ी दी। घर पहुंचकर उसने कांगड़ी में कोयले की जगह सोना पाया तो देखकर हैरान रह गया। वह उसी समय साधु का धन्यवाद करने को निकल पड़ा। दूर जाकर उसने एक विशाल गुफा देखी। 
उसी दिन से यह गुफा एक तीर्थस्थल बन गई। आतंकवादी, अलगाववादी एवं पाक परस्त हर वर्ष इस पवित्र यात्रा में विघ्न डालने का हरसंभव प्रयास करते हैं परन्तु इसके बावजूद शिव भक्तों के हौसले हर वर्ष बढ़ते ही जाते हैं।

श्री अमरनाथ यात्रा में विघ्न डालकर आतंकवादी, अलगाववादी, पाक परस्त अपने कश्मीर भाइयों की रोजी-रोटी पर लात मारते हैं। कश्मीरी लोगों को चाहिए कि वे मुट्ठी भर इन लोगों की बातों में न आएं। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिएं जिससे कश्मीर फिर स्वर्ग बन सके। उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो तथा घाटी फिर स्वर्ग बन सके।

Niyati Bhandari

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