इस दिन भगवान शिव श्री अमरनाथ गुफा में पधारते हैं

Thursday, Jul 18, 2019 - 10:11 AM (IST)

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भारतीय धार्मिक जीवन में तीर्थ स्थानों का विशेष स्थान है। जहां तीर्थ यात्रा से पाप नष्ट होते हैं और भाग्योदय होता है वहीं मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है। भारत भूमि का तो कण-कण तीर्थ है। कश्मीर को तीर्थों का घर कहा जाता है। कश्मीर में 49 शिव धाम, 60 विष्णु धाम, 3 ब्रह्माधाम, 22 शक्ति धाम, 700 नागधाम हैं। अमरनाथ में स्थित पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है।अमरनाथ जी की यात्रा कैलाश मानसरोवर के बाद भारत में सर्वाधिक रोमांचक यात्रा है तथा काशी में लिंग दर्शन एवं पूजन से दस गुणा फल देने वाला श्री अमरनाथ का पूजन है।

देवताओं की हजार वर्ष तक स्वर्ग पुष्य मोती एवं पट्ट वस्त्रों से पूजा का जो फल मिलता है वह श्री अमरनाथ जी की इस लिंग पूजा से एक ही दिन में प्राप्त हो जाता है।

कश्मीर के हिमाच्छादित पर्वतों की आगोश में बनी इस पवित्र गुफा के दर्शन हेतु यात्रा जुलाई में प्रारंभ होकर अगस्त रक्षा बंधन तक चलती है जो इस वर्ष 1 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा को कुछ लोग मोक्ष प्राप्ति का तो कुछ स्वर्ग की प्राप्ति का जरिया बतलाते हैं। इस पवित्र धाम की यात्रा से 23 तीर्थों की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। गुफा के एक छोर से प्राकृतिक रूप में बना हिमशिवलिंग पक्की बर्फ का होता है जबकि गुफा के बाहर मीलों तक सर्वत्र कच्ची बर्फ देखने को मिलती है। गुफा में पक्की बर्फ से गणेश पीठ तथा पार्वती पीठ भी बनती है।

एक दंतकथानुसार रक्षा बंधन की पूर्णिमा के दिन जो सामान्यत: अगस्त मास में पड़ती है भगवान शंकर स्वयं श्री अमरनाथ गुफा में पधारते हैं। रक्षा बंधन के दिन ही पवित्र छड़ी मुबारक गुफा में बने हिम शिवलिंग के पास ही स्थापित कर दी जाती है।

 

Niyati Bhandari

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