श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम में 29-30 सितम्बर को विशाल संत समागम

Tuesday, Sep 28, 2021 - 11:38 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shri Adwait Swaroop Anant Ashram: अलौकिक रुहानी शहंशाह स्वामी अनंत प्रकाशानंद जी महाराज लगभग 135 वर्ष पूर्व 1887 में धौंदा जिला सरगोधा (पाकिस्तान) में स्वामी अनंत प्रकाशानंद जी महाराज ने जन्म लिया। उनका बचपन का नाम जीवनदास था। अल्पायु में ही वह गृह त्याग कर अपने स्वामी जी की आज्ञ से चक नं. 5 जिला लायलपुर (पाकिस्तान) के जंगलों में तपस्या करने लगे। तदुपरांत उनके दादा गुरु श्री अद्वैत नंद जी परमहंस एवं सतगुरु श्री स्वरूपानंद जी नंगली निवासी भगवान की विभूतियों के आध्यात्मिक अनुभव उन्हें विरासत में मिले। 

1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन की दर्दनाक घटनाओं ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। वह अपने शिष्यों के साथ जालन्धर, शाहबाद मारकंडा होते हुए सकोंती टांडा (उत्तर प्रदेश) के पास श्री नंगली साहब पहुंचे जिसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र विकास की राह पर आगे बढ़ा। 

मुज्जफरनगर में कुटिया बना 1960 तक तपस्या की। फिर उन्होंने कुरुक्षेत्र को अपनी कर्म भूमि बनाया तथा श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम की स्थापना की। 

स्वामी अनंत प्रकाशानंद जी महाराज ने अपने ज्ञान की गंगा को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि प्रांतों में धार्मिक, अध्यात्मिक व समाज कल्याण कारी केंद्र एवं आश्रमों, कुटियों की स्थापना की। 

29 सितम्बर 1992 को स्वामी जी अपने गुरु चरणों में ब्रह्मलीन हुए। सतगुरु का अलौकिक प्रकाश सदा भक्तों के इर्द-गिर्द रहता है। 
इस वर्ष 29-30 सितम्बर को विशाल संत समागम का आयोजन कुरुक्षेत्र में राजेंद्र नगर स्थित श्री अद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम में किया जा रहा है।       

Niyati Bhandari

Advertising