इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु, जानें कहां है मंदिर?
Saturday, Jan 08, 2022 - 10:35 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर स्थापित है, जिनके पीछे कोई न कोई चमत्कार छिपा हुआ होता है और कई चमत्कारों के आगे वैज्ञानिकों ने भी अपनी हार मान ली है। आए दिन इन मंदिरों में कोई न कोई चमत्कार होते ही रहते हैं। ऐसे में लोगों का विश्वास भगवान के प्रति ओर भी पक्का हो जाता है। तो आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्यों से भरे भगवान शंकर के एक मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिसके बारे में जानने के बाद आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। जी हां, क्योंकि ये शिव मंदिर रोजाना थोड़ी देर के लिए गायब हो जाता है। कुछ समय के दौरान इस मंदिर के स्थान पर कुछ भी नजर नहीं आता है, जो श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, वो मंदिर के वापस आने का इंतजार करते हैं। तो आइए आगे जानते हैं इस अनोखे मंदिर की अनोखी बातें।
सबसे पहले आपको बता दें ये मंदिर गुजरात के बढ़ोदरा में स्थित है और इस मंदिर को स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, भगवान शिव जी का ये मंदिर दिन में रोजाना दो बार सुबह और शाम को कुछ देर के लिए गायब हो जाता है। और इस अचंभित करने वाले चमत्कार को देखने यहां लाखों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है। भगवान शिव जी का ये अनोखा और चमत्कारिक मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर की खोज आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व की गई थी, इस मंदिर में जो शिवलिंग है उसकी ऊंचाई 4 फीट और इसका व्यास 2 फीट है।
दरअसल इस मंदिर का ओझल हो जाना एक प्राकृतिक घटना का परिणाम है। समुद्र तट के किनारे स्थित होने के कारण जब जब भी समुद्र में लहरों का प्रवाह बढ़ जाता है तो ये मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब जाता है, जब ज्वार उतरता है तब ये परिसर दोबारा से नजर आने लगता है। जो भक्त स्तंभेश्वर महादेव मंदिर जाते हैं उनके लिए विशेष रूप से पर्ची बांटी जाती है। जिस पर्ची के अंदर ज्वार आने का समय लिखा हुआ रहता है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। जब यहां पर ज्वार आता है तब उस समय के दौरान चारों तरफ पानी भर जाता है। ज्वार के समय यहां पर मौजूद शिवलिंग के दर्शन नहीं किए जा सकते हैं, जब ज्वार उतरता है तभी शिवलिंग के दर्शन होते हैं।
भगवान शिव जी के इस चमत्कारिक मंदिर के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से भक्त यहां पर आते हैं। मंदिर के प्रति लोगों का विश्वास देखने को मिलता है, लोग इस मंदिर में अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं और इस भवन में अपनी मनोकामना पूरी होने पर लोग यहां शीष नबाते नज़र आते हैं