आधी रात में करें इस मंत्र का जाप, शिव जी करेंगे रातों रात मालामाल

Wednesday, May 01, 2019 - 06:01 PM (IST)

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धार्मिक शास्त्र व ज्योतिष में हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिव रात्रि के रूप में मनाया जाता है। अब इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान होगा। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन दिव्य ज्योर्तिलिंग की उत्पत्ति शिव चतुर्दशी तिथि के ही दिन हुई थी। इसलिए इस पावन दिन एक खास चीज़ से इनका अभिषेक किया जाए तो जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। तो अगर आप भी शिव जी अपनी इच्छाओं की पूर्ति का वरदान मिले तो 3 मई (जिस दिन पंचक खत्म हटेगा) को भगवान शंकर की पूजा ज़रूर करें। इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखकर शिव जी का पूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ और शिव पंचाक्षरी मंत्र- "ॐ नम: शिवाय" का जप करने और रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है।

मनोकामना पूर्ति के लिए इस चीज से करे अभिषेक-
शिव चतुर्दशी को किसी प्राचीन शिवलिंग पर जल मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता।

अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा, दूब, भांग, धतूरा और श्रीफल आदि से भगवान भोलेनाथ का पूजन करें।

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इसके अलावा शिव चतुर्दशी के दिन निराहार व्रत रहकर शिवाभिषेक करने से अथाह धन वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग प्राप्त होता है।

इस व्रत से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक का अधिकारी भी बन जाता है।

मध्य रात्रि में निम्न मंत्र का जप अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है-

शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
ॐ त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परमनमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमू, नमः पशुपते
नाथ नमस्ते शम्भवे नमः, नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः।।

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Jyoti

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