शिवपुराणः मेहमान नवाज़ी से पहले पता होनी चाहिए ये बातें

Monday, Aug 12, 2019 - 04:07 PM (IST)

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हमारे हिंदू शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि घर आया मेहमान भगवान का रूप होता है। अतिथि का घर में आना बहुत ही सौभाग्य की बात मानी जाती है। पहले समय में तो अतिथि को बिना भोजन करवाए घर से जाने नहीं दिया जाता था। लेकिन आज के टाइम पर मेहमान अगर घर पर आ जाए तो उसे सिरदर्दी समझा जाता है। कई बार लोग बिना भोजन करवाए ही उनको भेज देते हैं, जबकि ऐसा सही नहीं होता है। हिंदू धर्म में भगवान के हवन या कई त्यौहारों पर घर आए अतिथियों को भोजन करना का महत्व है। अतिथि के सत्कार को लेकर शिवपुराण में 4 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका पालन अगर कोई मनुष्य कर ले तो उसे अपने जीवन में इसका फल जरूर मिलता है। 

मन में क्रोध
ऐसा माना गया है कि व्यक्ति अगर बिना मन के कोई काम करे तो वह कभी पूरा नहीं होता है और न ही उसे उसके किए गए काम का फल मिलता है। ऐसे में अगर आपके घर कोई मेहमान आया है तो उसे बिना भोजन करवाए नहीं जाने देना चाहिए। उसके साथ ही ये बताया गया है कि मन में अगर क्रोध, अंहकार या जलन की भावना हो तो इंसान द्वारा किया गया काम कभी सफल नहीं होता। अगर आप किसी को भोजन करवाते समय मन में ऐसी भावनाएं पैदा करेंगे तो आपके द्वारा दिया गया भाजन कभी नहीं पच पाएगा। 

मधुर वाणी
मनुष्य को कभी भी घर आए अतिथि का अपमान नहीं करना चाहिए। कई बार मनुष्य क्रोध में आकर या किसी भी अन्य कारणों से घर आए मेहमान का अपमान कर देता है। ऐसा करने पर मनुष्य पाप का भागी बन जाता है। हर मनुष्य को अपने घर आए मेहमान का अच्छे भोजन से साथ-साथ पवित्र और मीठी वाणी के साथ स्वागत-सत्कार करना चाहिए।

शुद्ध हो शरीर 
शास्त्रों में मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। अपवित्र शरीर से न भगवान की सेवा की जाती है और न ही मेहमान की। किसी को भी भोजन करवाने से पहले मनुष्य को शुद्ध जल से स्नान करके, साफ कपड़े धारण करना चाहिए। अपवित्र या बासी शरीर से की गई सेवा का फल कभी नहीं मिलता है।

उपहार 
जब कभी भी घर पर मेहमान आए तो भोजन करवाने के बाद उन्हें कोई न कोई उपहार अवश्य भेंट करें। अच्छी भावनाओं से दिया गया उपहार हमेशा ही शुभ फल देने वाला होता है।

Lata

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