Shiv Purana Upay: शिव पुराण में बताए गए उपायों से हर इच्छा करें पूरी

Monday, Nov 14, 2022 - 07:53 AM (IST)

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Astrological Measure To Lord Shiva For Happy Life: भगवान शिव को ‘महादेव’ कहा जाता है, वह देवताओं के देवता कहे जाते हैं। शिवपुराण के रुद्रसंहिता खंड के अनुसार शिव ऐसे देव हैं जो कुछ विशेष अनुष्ठान करने से भक्त पर सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं। रुद्र संहिता के अनुसार लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को कमल, बिल्वपत्र, शतपत्र एवं शंखपुष्पी भगवान के लिंग पर अर्पित करना चाहिए। यदि एक लाख की संख्या में इन पुष्पों द्वारा भगवान शिव की पूजा सपंन्न हो जाए तो सात जन्मों के पाप नष्ट होकर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। 

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पुत्र के अभिलाषी को एक लाख धतूरे के फूलों को अर्पित करना चाहिए। 

लाल डंठल वाला धतूरा शिव पूजन के लिए शुभ माना जाता है। 

अगस्त्य के एक लाख फूलों से पूजा करने वाले भक्त को यश की प्राप्ति होती है। 

लाल और सफेद आक, अपामार्ग एवं श्वेत कमल के एक लाख फूलों को शिवलिंग पर अर्पित करने से भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।

चमेली के फूलों को शिवलिंग पर अर्पित करने से वाहन की प्राप्ति होती है। 



अलसी के फूलों से शिवलिंग पूजन से भक्त भगवान विष्णु को प्रिय होकर लक्ष्मी की प्राप्ति करता है। 

बेला के एक लाख फूल चढ़ाने वाले को शुभलक्षणा पत्नी की प्राप्ति होती है। 

जूही के फूल से पूजा करने पर घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती। 

कनेर के फूलों से पूजा करने पर मनुष्य को नए-नए वस्त्रों की प्राप्ति होती है।

हरसिंगार के फूलों से शिव की पूजा करने पर सुख-संपत्ति की वृद्धि होती है। 

राई के एक लाख फूल शिव पर अर्पित करने से शत्रुओं का नाश होता है। 


चंपा एवं केवड़ा का फूल भगवान शंकर पर भूल कर भी नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। इससे भारी अनिष्ट का सामना करना पड़ सकता है।

फूलों के समान ही शिवलिंग पर अन्य वस्तुओं को चढ़ाने का अलग-अलग प्रभाव शिवपुराण में बताया गया है। एक लाख दूर्वादलों (दूब) को शिवलिंग पर चढ़ाने से आयु की प्राप्ति होती है। 

एक लाख तुलसी पत्र चढ़ाने पर भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

राम नाम अंकित एक लाख त्रिदल बिल्वपत्रों को शिवलिंग पर चढ़ाने से मनुष्य की सब इच्छाएं पूरी होती हैं।

शतरुद्रिय मंत्र से रुद्री के ग्यारह पाठों से, पुरुषसूक्त से छ: ऋचा वाले रुद्रसूक्त से, महा मृत्युंजय मंत्र से, गायत्री मंत्र से अथवा शिवपंचाक्षर मंत्र (ॐ नम: शिवाय’ में से किसी भी एक मंत्र से शिवलिंग पर जलधारा अर्पित करने से सुख एवं संतति की वृद्धि होती है। 


शर्करा मिश्रित दुग्ध की धार से शिव का अभिषेक करने पर बुद्धि की जड़ता मिटती है तथा वह व्यक्ति बृहस्पति के समान उत्तम बुद्धि वाला बनता है। जब तक दस हजार मंत्रों का जाप पूरा न हो जाए तब तक जल, घृत या दुग्धधार को चालू रखना चाहिए।

सुवासित तेल की धार से अभिषेक करने पर भोगों की वृद्धि होती है। 

शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने पर राजयक्ष्मा (टी.बी.) रोग दूर होता है।

गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर संपूर्ण आनंद की तथा गंगाजल की धारा से अभिषेक करने पर भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

ध्यान रखें- इन सभी धाराओं को अर्पित करते समय महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते रहने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।

Mahamrityunjay Mantra महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

 

Niyati Bhandari

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