महादेव ने ऐसे खुश होकर रावण को दी थी अपार शक्तियां, बदलेगा आपका भी जीवन

Monday, Sep 27, 2021 - 08:41 AM (IST)

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Shiva Tandava Stotram by Ravana: लंका के राजा रावण को अपने बल पर बहुत घमंड था। अपने मद में चूर होकर उसने अपने ही सौतेले भाई कुबेर के पुष्पक विमान पर अधिकार कर लिया। पुष्‍पक विमान में सवार होकर रावण 'शरवण' नाम से प्रसिद्ध सरकण्डों के विशाल वन से होकर जा रहा था तो तभी भगवान शंकर के नंदी ने उसे वहां जाने से रोका और कहा, "इस वन में स्थित पर्वत पर भगवान शंकर क्रीड़ा करते हैं इसलिए यहां सभी सुर, असुर, यक्ष आदि का आना निषिद्ध कर दिया गया है।" 

Shiva Tandava Stotram: नंदीश्‍वर के वचनों से क्रोधित होकर रावण ने अपना बल दिखाने के लिए कैलाश पर्वत को उठा लिया। दशानन का घमंड तोड़ने के लिए भोलेनाथ ने अपने पैर के अंगूठे से पर्वत को वहीं स्थिर कर दिया। जिससे रावण का हाथ उस पर्वत के नीचे कुचला गया। दशानन ने दर्द से चिलाकर क्षमा याचना करते हुए भोलेनाथ की स्तुति की।

Who write the Shiv tandav: इसी स्तुति को 'शिव तांडव स्तोत्र' के नाम से जाना जाता है। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने दशानन के हाथों को पर्वत से बाहर निकाल दिया और उसे रावण नाम दिया। भोलेनाथ को प्रसन्न करने व उनकी कृपा पाने के लिए रावण द्वारा रचित इस स्त्रोत का जाप करें।


Is Shiv tandav stotram powerful: शिव ताडंव स्तोत्र का प्रतिदिन श्रवण करने से व्यक्ति को धन संपत्ति, भौतिक सुखों व वाणी सिद्धि की प्राप्ति होती है। इस पाठ के जाप से शनि दोष व कालसर्प दोष भी दूर होते हैं। नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान से संबंधित लोगों को इस पाठ से लाभ प्राप्त होता है। प्रदोष काल में करने से भोलेनाथ की कृपा से लक्ष्मी स्थिर रहती है।

Niyati Bhandari

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