शिरडी के साईं नाथ को करना है प्रसन्न तो इस वंदना का गायन ज़रूर करें

Thursday, Jan 23, 2020 - 10:52 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
मान्यताओं के अनुसार गुरुवार के दिन साईं बाबा की आराधना करने लिए श्रेष्ठ माना गया है। यही कारण देशभर के तमाम साईं  मंदिरों में इस दिन अधिक भीड़ देखने को मिलती है। हांलाकि पिछले कुछ दिनों से शिरडी को लेकर कुछ विवाद चल रहा है मगर हैरत की बात ये है शिरडी में बाबा के भक्तों की भीड़ में कुछ ज्यादा कमी नही देखी गई। बता दें शिरडी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान से नाराज़ लोगों ने इसे बंद किया। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले परभणी ज़िले के पास स्थित पाथरी गांव को साईं बाबा का जन्मस्थान बताया था और यहां 100 करोड़ की मदद से विकास कार्य कराने का एलान भी किया था इसी के विरोध में रविवार को शिरडी के होटलों, आश्रम और बाज़ारों को बंद करने का एलान किया गया। हालांकि इस दौरान मंदिर खुला रहा और लोग दर्शन भी कर रहे हैं। 

बताया जाता है बाकि दिनों की तुलना में गुरुवार के दिन यहां साईं बाबा के श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गुरु पूजा एवं गुरु कृपा पाने के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास माना जाता है। गुरुवार के दिन साईं बाबा की आराधना करने वाले साईं भक्त पूरी श्रद्धा के साथ साईं नाथ गुरुदेव की शरण में जाकर उनकी पूजा आराधना करके उनको प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। आज हम आपको इनकी ऐसी एक वंदना के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके गायन से आप पर शिरडी के साईं बाबा प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसा सकते हैं। 

अगर आपके लिए इस दिन किसी साईं मंदिर जाना संभव न हो तो आप केवल पूरी श्रद्धा से इनकी इस वंदना का जाप कर लें। मगर गर संभव हो तो कोशिश यही करें कि गुरुवार के दिन सूर्यास्त के समय साईं मंदिर में जाकर श्री साईं बाबा की इस वंदना को साईं के सामने खड़े होकर एक बार सच्ची श्रद्धापूर्वक इसे ज़रूर पढ़ें फिर देखें कैसे आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।

साईं नाथ वंदना
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे,
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे।
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे,
अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे।
हैं राम रमिया वो, हैं कृष्ण कन्हैया वो, वही मेरा साईं है।
सत्कर्म राहों पे चलना सीखते वो, वही जगदीश हैं।
प्रेम से पुकार तेरे पाप को जलाएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे।
किरपा की छाया में बिठाएंगे तुझको, कहाँ तुम जावोगे।
उनकी दया दृष्टि जब जब पड़ेगी तुम यह भव तर जावोगे।
ऐसा है विशवास मन में ज्योत जगायेंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे।
मुनिओं ने ऋषिओं ने, गुरु शिष्य महिमा का, किया गुणगान है।
साईं के चरणो में, झुकती सकल सृष्टि, झुके भगवान है।
महिमा है अपार, सत्य की राह वो दिखलाएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥
थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे।

Jyoti

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