Sheetla Ashtami 2021: शीतल जल से धोनी चाहिए आंखें, हर रोग से मिलेगी मुक्ति

Sunday, Apr 04, 2021 - 03:48 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 4 अप्रैल, 2021 चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन लोग श्रद्धापूर्वक माता शीतला माता की पूजा करते हैं। कहा जाता है हिंदू धर्म के ग्रंथों में देवी-देवताओं की पूजा मनुष्य के दैहिक, दैविक एवं भौतिक एवं कष्टों के निवारण के लिए अधिक आवश्यक है। यही कारण है कि हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक दिन कोई न कोई व्रत आदि पड़ता है। ताकि मनुष्य विधि विधान से इन देव-देवताओं की आराधना कर सके। इन्हीं दिनों में से एक है देवी शीतला का दिन। जी हां, आज के दिन देवी शीतला माता की पूजा करने से जातक को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। खासतौर पर इनकी आराधना करने से अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों से मुक्ति मिलती है तथा व्रत व पूजन करने से निरोगी काया प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस दिन जुड़ी अन्य खास बातें-

क्यों धोई जाती है आंखें- 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यानि शीतला माता की पूजा के दौरान इन्हें जो जल चढ़ाया जाता है। उनसे आंखें धोने की परंपरा है। साथ ही इसका स्वयं पर तथा घर में छिड़काव किया जाता है। इस परंपरा से जुड़ा कारण गर्मियों में आंखों के रोग होने से बचना माना जाता है। इसके अलावा शीतला अष्टमी के दिन माता का पूजन करने के बाद हल्दी का तिलक लगाना शुभ माना जाता है। साथ ही साथ घरों के मुख्यद्वार पर सुख-शांति की कामना से हल्दी के स्वास्तिक बनाए जाते हैं। मान्यता है कि हल्दी का पीला रंग मन को प्रसन्नता व सकारात्मकता को बढ़ाता है, तथा इससे घर में पैदा वास्तु दोषों से भी छुटकारा मिलता हैै। 

जानें इनकी महिमा-
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि देवी मां की अर्चना स्तोत्र स्कंद पुराण में शीतलाष्टक के रूप में मिलता है। मान्यता बै कि इस स्त्रोत की रचना स्वयं भगवान शंकर ने जनकल्याण में की थी। शीतलाष्टक शीतला देवी की महिमा का गान करता है, साथ ही उनके भक्तों को उनकी उपासना के लिए प्रेरित करता है। इसलिए इस दिन इनकी मंत्र अवश्य पढ़ना चाहिए। इसके अलावा मां के पौराणिक मंत्र 'हृं श्रीं शीतलायै नमः' का जप भी संकटों से मुक्ति दिलाता है। 

Jyoti

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