शीतला अष्टमी: आज न जलाएं घर पर चूल्हा

Thursday, Mar 28, 2019 - 10:11 AM (IST)

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आज शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। होली से आठवें दिन ये पर्व मनाया जाता है। शीतला माता नवदुर्गा और देवी पार्वती का ही रुप मानी जाती हैं। जिस पर मां शीतला की कृपा होती है उसे ज्वर, नेत्र विकार, चेचक आदि रोग नहीं होते। कहते हैं जिस घर में किसी व्यक्ति को चेचक हुआ होता है, उस परिवार के सदस्य मां का पूजन नहीं कर सकते। चेचक होने के पांचवें दिन चेचक के रोगी को शीतला माता के मंदिर जाकर कच्ची लस्सी और बासी भोजन का भोग लगाना चाहिए। आज के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता, बासी खाना ही खाया जाता है। शीतला अष्टमी पर ऐसे करें पूजा-

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सुबह ठंडे जल में गंगाजल डालकर स्नान करें।

नारंगी रंग के कपड़े पहनें। 

शीतला मंदिर जाकर मां को ठंडे या बासी खाने का भोग लगाएं, कच्ची लस्सी चढ़ाएं, सुगंधित फूल, नीम के पत्ते और खुशबूदार इत्र से पूजा करें। 

देसी घी में कपूर डालकर आरती करें।  

शास्त्रों में भगवती शीतला की वंदना के लिए यह मंत्र बताया गया है ।
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम

अर्थात- गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाड़ू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की मैं वंदना करता हूं। 

शीतला माता के इस वंदना मंत्र से यह पूर्णत: स्पष्ट हो जाता है कि ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। हाथ में मार्जनी झाड़ू होने का अर्थ है कि हम लोगों को भी सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए। कलश से हमारा तात्पर्य है कि स्वच्छता रहने पर ही स्वास्थ्य रूपी समृद्धि आती है।

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Niyati Bhandari

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