षटतिला एकादशी पर तिलों का इस्तेमाल करना क्यों हैं ज़रूरी ?

Thursday, Jan 31, 2019 - 03:52 PM (IST)

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वैसे तो हर माह में पड़ने वाली एकादशी विशेष होती है। लेकिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी की अपनी एक अलग विशेषता बताई गई है और आज इस पवित्र एकादशी का व्रत रखा जाएगा। ये एकादशी बहुत ही शुभ और पवित्र मानी गई है। अपने नाम के मुताबिक ही इस एकादशी में तिलों का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति आज के दिन 6 प्रकार से तिलों का उपयोग करता है, उसे सीधा स्वर्ग की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं  किन तरीकों से तिल का उपयोग किया जा सकता है। 

पहला तिल का उबटन- जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करें उसे सुबह उठने के बाद तिल से बना उबटन अपने पूरे शरीर पर लगाना चाहिए।

दूसरा तिल से स्नान- उबटन लगाने के बाद पानी में तिल मिलाकर नहाना चाहिए। 

तीसरा तिल से हवन- कहा जाता है कि आज के दिन व्रती को हवन में तिल की आहुतियां भी देने से लाभ मिलता है। 

चौथा तिल से तर्पण- शास्त्रों में कहा गया है कि हवन में आहुति देने के साथ-साथ व्यक्ति को तिलों से जर्पण भी करना जरूरी होता है। 

पांचवा तिल का भोजन- आज के दिन भगवान को तिल से बने भोजन का भोग लगाना चाहिए और  अगर आपकी इच्छा जल पीने की हो तो जल में तिल मिलाकर पिएं।

छठा तिल का दान- कहते हैं आज के दिन तिल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो व्यक्ति को तिल का दान जरूर करना चाहिए। 

शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग आज के दिन व्रत नहीं कर पा रहे तो वो जितना हो सके तिल का उपयोग अवश्य करें। 
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Lata

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