नवरात्रि में देवी दुर्गा, महाकाली व सरस्वती होंगी प्रसन्न, करना होगा ये काम

Friday, Oct 09, 2020 - 12:40 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है, सनातन धर्म से संबंध रखने वाला लगभग हर व्यक्ति इनके स्वागत की तैयारियों में लगा हुआ है। धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रों के दौरान देवी मां शेर की नहीं बल्कि घोड़े की सवारी करके आने वाली हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि साल में आने वाले चारों ही नवरात्रि यूं तो खास होती हैं, परंतु तीन साल मेंएक बार लगने वले अधिक मास के ठीक बाद आने वाले नवरात्रि का महत्व खास होता है। ऐसे में देवी दुर्गा विशेष कृपा पाने की इच्छा प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती है। आज हम आपकी इसी इच्छा को पूरा करने का एक बहुत ही सरल उपाय बताने वाले हैं। जी हां, शास्त्रों में इन्हें प्रसन्न करने के कई उपाय आदि दिए हैं। मगर इनमें से कुछ उपाय ऐसे होते हैं जिन्हें करना थोड़ा मुश्किल होता है जिस कारण लोग उन्हें कर नहीं पाते। आपकी बता दें आपको घबराने की ज़रा भी आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम आपको इनसे जुडा सबसे आसान उपाय बताने वाले हैं जिन्हें करना आपके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। चलिए जानते हैं क्या हैं ये उपाय-

सनातन धर्म के ग्रंथों आदि की मानें तो मां दुर्गा के नवरात्रि पर्व के दौरान देवी दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा अधिक लाभदायक मानी जाती है। बल्कि मान्यता तो ये है कि इस दौरान इनकी पूजा करने से जीवन सार्थक बन जाता है।

तो वहीं इससे जुड़ी अन्य मान्यताओं के अनुसार इन्हें समर्पित मंत्रों आदि का जप करने से जातक के जीवन से सभी बाधाएं तो मुक्त होती ही हैं, साथ ही साथ अगर किसी व्यक्ति की किसी प्रकार का भय सता रहा हो तो उससे मुत्ति मिलती है।

परंतु बहुत से लोग ये नहीं जानते कि इनके किन मंत्रों का जप करना चाहिए। अगर आप भी इन मंत्रों के बारे में नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं इन मंत्रों के बारे में-

मां दुर्गा के सरल मंत्र-

*सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


* या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* ॐ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

नवार्ण मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'
 

Jyoti

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