Shardiya Navratri Festival: हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा आपके द्वार, 10 दिन मनाए जाएंगे शारदीय नवरात्रि
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 02:00 PM (IST)

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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि का पौराणिक महत्व देवी दुर्गा की शक्ति और साहस से जुड़ा हुआ है। पुराणों के अनुसार, राक्षस महिषासुर के अत्याचारों से देवता त्रस्त हो गए थे। देवताओं ने अपनी सामूहिक ऊर्जा से देवी दुर्गा का आह्वान किया, जिन्होंने महिषासुर का वध कर देवताओं और मानवता को मुक्ति दिलाई। इस प्रकार नवरात्रि देवी दुर्गा के उस महाबलिदान और शक्ति की आराधना का पर्व है।
इसके अलावा, नवरात्र को अच्छाई की बुराई पर जीत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए देवी दुर्गा की आराधना की थी। इसलिए दशहरे का दिन नवरात्र के अंत में आता है, जब बुराई का अंत होता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष चार नवरात्रि आती हैं। दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और साल के अंत में शारदीय नवरात्रि आती है। नवरात्रि में मां दुर्गा हिमालय से पृथ्वी पर आती हैं और 9 दिनों तक पृथ्वी पर ही रहती हैं।
Which Navratri has increased in 2025 इस साल 2025 में किस नवरात्र में हुई है वृद्धि
इस साल नवरात्रि पर्व 10 दिन मनाया जाएगा क्योंकि एक नवरात्रि में वृद्धि हुई है। आमतौर पर नवरात्रि 9 दिनों का पर्व होता है लेकिन इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण नवरात्रि पर्व 10 दिनों तक चलेगा। जिस कारण नवरात्रि की नवमी 1 अक्टूबर को तो अष्टमी 30 सितंबर को मनाई जाएगी। बता दें इस साल चौथा नवरात्र 25 और 26 सितंबर यानी दो दिन रहेगा।
Shardiya Navratri 2025 Mata Ki Sawari हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
हर बार मां अलग-अलग वाहन पर सवार होकर आती है, जिससे अनुमान लगाया जाता है कि यह नवरात्रि कैसा रहने वाला है ? आने वाले दिन कैसे रहने वाले हैं ? इस बार माता रानी हाथी वाहन पर सवार होकर आने वाली हैं, जो काफी शुभ माना जा रहा है। शास्त्रों की मानें तो जब मां हाथी पर सवार होकर आती हैं तो अपने भक्तों की आर्थिक तंगी दूर कर देती हैं। साथ ही अन्न और पैसों से भंडार भर देती हैं। ऐसे में इस बार नवरात्र काफी शुभ माना जा रहा है।
Description of the nine forms of Goddess Durga मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का वर्णन
22 सितंबर 2025- सोमवार को प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना होगी। माता पार्वती के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा होगी।
23 सितंबर 2025- मंगलवार को माता पार्वती के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। जो तपस्या और व्रत की प्रतीक हैं।
24 सितंबर 2025- बुधवार को माता पार्वती के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। जिनका रूप चंद्र की तरह शांत और कोमल है।
25 सितंबर 2025- गुरुवार को माता पार्वती के चौथे रूप कुष्मांडा की पूजा होगी। जो शक्तिशाली और उत्तेजनापूर्ण हैं। चतुर्थी तिथि होने के कारण विनायक चतुर्थी का पर्व भी मनाया जाएगा।
27 सितंबर 2025- शनिवार को माता पार्वती के पांचवे रूप मां स्कंदमाता की पूजा होगी। जिनके पुत्र स्कंद हैं।
28 सितंबर 2025- रविवार को माता पार्वती के छठे रूप मां कात्यायनी की पूजा होगी। जिनकी तपस्या करके गोपियों ने श्री कृष्ण को पति रूप में पाया था।
29 सितंबर 2025- सोमवार को माता पार्वती के सातवें रूप मां कालरात्रि की पूजा होगी। मां का यह विकराल रुप है, जिन्होंने दुष्टों का नाश किया था।
30 सितंबर 2025- मंगलवार को माता पार्वती के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा होगी। जिनका रूप श्वेत और शुद्ध है। इस रोज दुर्गा अष्टमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
1 अक्टूबर 2025- बुधवार को माता पार्वती के नौंवें रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी। जो सभी सिद्धियों की देवी हैं। इस दिन महा नवमी का पर्व है।
2 अक्टूबर 2025- गुरुवार को मां दुर्गा का विसर्जन होगा। इसके अतिरिक्त दशमी तिथि दशहरा भी है। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व रावण दहन के साथ मनाया जाएगा।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
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