Shardiya Navratri 2020: कोरोना जैसी बीमारी से मिल सकता है छुटकारा, इन खास मंत्रों का करना होगा जाप

Tuesday, Oct 20, 2020 - 12:34 PM (IST)

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नवरात्रों में देवी दुर्गा की आराधना कई तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि देवी दुर्गा में संपूर्ण सृष्टि का संहार और पालन करने की शक्ति विद्यमान हैं। ऐसे में हर कोई चाहता है कि नवरात्रों में उस पर देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त हो, जिससे जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाएं। इसके लिए जहां एक तरफ़ लोग विधि वत तरीके से इनकी पूजा-अर्चना आदि करते हैं तो वहीं बहुत से लोग व्रत आदि रखकर, विभिन्न प्रकार के उपाय आदि करते हैं। ऐसे में हम आपको बताने वाले हैं देवी दुर्गा के कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जिनके जप से इनकी कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही साथ किसी भी तरह की महामारी व बड़ी से बड़ी आपदा तक से छुटकार मिलता है।  मगर बता दें इन मंत्रों का जप सावधानी पूर्वक तथा निम्न बताई गई विधि के अनुसार ही करना चाहिए। अन्यथा इसका असर किन्हीं हालातों में उल्टा पड़ जाता है। 

तो वहीं अगर इनका जप सही विधि से किया जाए तो इससे कई तरह के लाभ भी प्राप्त होते हैं। तो आईए भयानक बीमारी से ग्रस्त इस समय में आपको बताते हैं दुर्गा सप्तशती के कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में, जिनका जप हवन के दौरान अाहुति देते समय करने से कोरोना जैसी महामारी का भी अंत हो जाएगा। 

महामारी विनाश हेतु :
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत, चंदन।

भक्ति की प्राप्ति हेतु :
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत, मधु।

मंगल प्राप्ति के लिए :
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।
मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 3100, हवन सामग्री- घृत, कमल गट्‍टा।

मोक्ष प्राप्ति हेतु:
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।
मंत्र जप संख्या 2100, हवन संख्या 101, हवन सामग्री- घृत।

विपत्ति नाश हेतु:
शरणागतदीनार्थपरित्राण परायणे।
सर्वस्तयार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन स. 1000, हवन सामग्री - घृत।

बाधा निवारण और शत्रु विनाश हेतु:
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या‍‍‍खिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्‍वैरी विनाशनम्।।
मंत्र जप संख्या 10000, हवन संख्या 5000, हवन सामग्री- काली मिर्च, घृत।

सर्वबाधा निवारण हेतु:
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 1100, हवन सामग्री-सरसों व घृत।

मनोनुकूल पत्नी हेतु:
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणी दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्‍भवाम्।।
मंत्र जप संख्या 3000, हवन संख्या 1000, हवन सामग्री- घृत।

भय नाश हेतु:
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयैभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते।।
मंत्र जप संख्या 5000, हवन संख्या 2100, हवन सामग्री- घृत।

Jyoti

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