नवरात्रों में इन सावधानियों को अपनाते हुए ज़रूर करें चंडी पाठ

Monday, Oct 19, 2020 - 06:42 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रों में करना अधिक लाभ मिलता है। मगर धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस पाठ को करना हर किसी के बस की बात नहीं है। जी हां, क्योंकि कहा जाता इस दौरान इनसे जुड़े नियमों का पालन करना बहुत अनिवार्य होता है। बता दें शास्त्रों में दुर्गा सप्तशती के पाठ को चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। जिसका पाठ करते समय अगर सावधानियां न बरती जाएं तो कहा जाता है इसका शुभ प्रभाव अशुभ में बदल जाता है। तो अगर आप चाहते  हैं कि आप पर इसका बुरा प्रभाव न पड़े, न ही इसके बुरे प्रभाव के चलते किसी तरह के नुकसान का फायदा उठाना पड़े, उसके लिए आपको ये जानना होगा  क्या हैं ये सावधानियां। 

कुछ धार्मिक किंवदंतियों के अनुसार जिस तरह हनुमान जी ने 'ह' की जगह 'क' करवा दिया था, जिससे रावण के यज्ञ बदल गई थी। ठीक उसी तरह प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ख्याल रखना चाहिए दुर्गा सप्तशती जिसे चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है उसका पाठ करते समय शुद्धता का ध्यान रखना कितना आवश्यक है। 

इसलिए इस पाठ को करने से पहले पूजा कक्ष या जहां बैठकर इसका पाठ करना हो, उसे शुद्ध, साफ- सुथरा, शांत व सुंगधित कर लेना चाहिए। ध्यान रहे जहां देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हो वहां पर किसी प्रकार की अशुद्धता न हो। 

चंडी पाठ कर रहे जातक के उन महिलाओं को दूर रहना चाहिए, जो रजस्वला से गुज़र रही हैं। ऐसा कहा जाता है जो महिलाएं या लड़कियां इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले जातके के पास जाती हैं, तो उन्हें बहुत बुरे परिणाम भोगने पड़ते हैं। 

इसका पाठ करने वाले प्रत्येक जातक को पूरी तर से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है इसका पाठ करने वाले का मन व तन पूरी तरह के स्वच्छ होना चाहिए। 

ऐसा कहा जाता है कि चंडीपाठ करने वाले जातक कको सामान्यत रूप से अच्छे साथ ही साथ बुरे आध्यात्मिक अनुभव होेते हैं। ऐसे में जातक को इन्हें सहन करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए। 

इन सबके अलावा इस बात की और गौर करना अधिक आवश्यक होता है कि इसका पाठ  अच्छे से व सतर्कता पूर्व करें। क्योंकि कहा जाता है कि यदि जातक इसका पाठ सावधानी पूर्वक करता है तो उसकी इच्छा नवरात्रों के दौरान ही या हद दशहरे तक पूर्ण हो जाती हैं। मगर अगर इस दौरान किसी तरह की भूल हो जाएं तो इसी दौरान अकल्पनीय घटनाएं अथवा दुर्घटनाएं भी घटित हो सकती हैं। 

 

Jyoti

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