शुरू हो गए मां के नवरात्रि, पहले दिन इस विधि से करें मां की आराधना

Saturday, Oct 17, 2020 - 12:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
17 अक्टूबर से यानि शनिवार से इस साल के शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं। इस त्यौहार का हर्षोल्लास ना केवल देश में बल्कि अन्य देशों में भी देखने को मिलता है। मान्यता है कि देवी दुर्गा को समर्पित यह पर्व इन के विभिन्न रूपों की आराधना के लिए उत्तम होता है। मान्यता है कि नवरात्रों के पूरे नौ दिन जो भी देवी भगवती की विधि वत पूजा-अर्चना करता है उस पर देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं। तो वहीं ज्योतिषी ब्ताते हैं कि यूं तो पूरे नवरात्रि पर्व के दौरान देवी दुर्गा की पूजा लाभकारी होती है। परंतु पहले दिन यानि प्रथम नवरात्रि के दौरान पूजन विधि आदि का खास ख्याल रखना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि किस विधि से आपको देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करनी चाहिए। 


पूजन सामग्री-
माता रानी स्वर्ग से धरती पर पधार रही हैं, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति तकी इच्छा यही है कि वो हर संभव प्रयास कर मां को प्रसन्न कर लें। तो इसके लिए सबसे पहले ये जान लें कि इनकी पूजा में होने वाली सामग्री क्या है

लाल रंग की गोटेदार चुनरी
लाल रेशमी चूड़ियां
सिंदूर
आम के पत्‍ते 
लाल वस्त्र
लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती
धूप
अगरबत्ती
माचिस
चौकी
चौकी के लिए लाल कपड़ा
नारियल
दुर्गासप्‍तशती किताब
कलश
साफ चावल
कुमकुम
मौली 
शृंगार का सामान
दीपक 
घी/तेल, फूल
फूलों का हार
पान
सुपारी
लाल झंडा
लौंग
इलायची
बताशे या मिसरी
कपूर
उपले 
फल/मिठाई
चालीसा व आरती की किताब
देवी की प्रतिमा या फोटो, कलावा तथा मेवे।

सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करें और स्नानादि करने के बाद चौकी आदि लगाने का कार्य प्रारंभ करें। तांबे, चांदी या मिट्टी का कलश ले सकते हैं। इसके बाद कलश में डालने के लिए दूर्वा, अक्षत, सुपारी, सिक्का की डालें। 

ध्यान रहें कलश के मुख पर बांधने के लिए कलावा, स्वास्तिक बनाने के लिए कुमकुम, गंगा जल आम के पत्ते नारियल और उस पर लेपेटने के लिए लाल रंग का कपड़ा, बोने के लिए जौं, साफ बालू या मिट्टी आदि पहले ही लाकर रख लें।  

इसके बाद देवी मां को विराजित करने के लिए एक लकड़ी की चौकी और आसन के लिए लाल रंग का कपड़ा लें। 

चौकी को गंगाजल से स्वच्छ करके उस पर आसन का कपड़ा बिछाएं, तत्पश्चात् मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। इस बात का खास ख्याल रखें कि  पूजा के आसन में सफ़ेद या काले रंग के कपड़े का प्रयोग भूलकर भी न करें।

साथ ही साथ माती की चौकी इस तरह से लगाएं कि जिससे पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। जैसे कि हमने आपको इससे पहले भी बताया अपने वेबसाइट के माध्यम से बताया कि इस दिशा को पूजा के लिए शुभ माना जाता है। 

अगर आप नवरात्रों में अपने घर में अखंड प्रज्वलित करना चाहते हैं, तो उसके लिए पीतल या मिट्टी का पात्र लें। ज्योति के लिए गाय के शुद्ध देशी घी का या सरसों के तेल या तिल के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं, परंतु उसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं होनी चाहिए। 

दुर्गा देवी को गुड़हल का फूल चढ़ाएं तथा सफ़ेद चीजों का भोग लगा  सकते हैं। कहा जाता है इससे जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है। 

Jyoti

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