Shardiya navratri 2022: घटस्थापना के साथ शुरू हुआ शारदीय नवरात्रि पर्व

Monday, Sep 26, 2022 - 12:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स) : शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत आज यानि सोमवार 26 सितम्बर से हो चुकी है जोकि 5 अक्तूबर तक होगी। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना यानि कलश स्थापना किए जाने की प्रथा है। घटस्थापना के बाद ही देवी की उपासना लगातार नौ दिनों तक विधिपूर्वक की जाती है। प्रत्येक दिन मां के किसी विशेष रूप पर आधारित होता है। मालूम हो कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन प्रारंभ होती है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

इस साल घटस्थापना के लिए श्रद्धालुओं को 1 घंटा 33 मिनट का समय मिल रहा है। सुबह 6 बजकर 28 मिनट से लेकर 8 बजकर 1 मिनट तक कलश स्थापना का विशेष महत्व बताया जा रहा है। जो लोग नौ दिनों तक व्रत रखकर अखंड जोत जलाते हैं उनके लिए इस एक घंटे के भीतर घटस्थापना करने पर विशेष फल की प्राप्ति का योग बन रहा है। हालांकि 10 बजकर 19 मिनट तक घटस्थापना की जा सकती है। घटस्थापना के दौरान मां के लिए लाल चुनरी, लाल वस्त्र, रोली-मोली, शृंगार का सामान, फूलमाला, दीपक, घी, धूप, पानी वाला नारियल, साबूत चावल, कुमकुम, देवी की प्रतिमा, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल व मिठाई सहित कलश और जौ की आवश्यकता होती है। श्रद्धालु सुबह उठकर स्नान कर शुद्धि के बाद घर के मंदिर में दीप जलाकर मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करते हैं। मां की मूर्ति स्थापित कर वस्त्र, लाल चुनरी उन्हें पहनाई जाती है। 

अक्षत, सिंदूर और लालपुष्प व माला पहनाई जाती है। उन्हें मिठाई, फल, लौंग, इलायची, पान का भोग लगाया जाता है। इसके बाद एक बर्तन में रेत भरकर उस पर कलश स्थापित करने किया जाता है। कलश रखने से पहले पानी डालकर जौ बोई जाती है। कलश के ऊपर आम के पत्ते रखकर लाल कपड़े या चुनरी में लपेटकर नारियल पर कलावा बांध उसे स्थापित किया जाता है। इस दौरान दुर्गा चालीसा, नवदुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व होता है। मां की आरती के बाद श्रद्धालु अपना व्रत प्रारंभ करते हैं।

Niyati Bhandari

Advertising