यहां हर विपदा से भक्तों को बचाते हैं शनि देव, जानें कहां है ये चमत्कारिक मंदिर

Saturday, Sep 21, 2019 - 05:00 PM (IST)

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शनिदेव ये एक ऐसा नाम है जिसका नाम सुनते ही हर कोई थर-थर कांपने लगता है। इसका कारण है शनिदेव की ऐसी छवि। इनकी क्रोधित छवि के चलते हर कोई इनसे डरता है। प्रत्येक व्यक्ति को लगता है कि शनि देव क्रूर देवता है जो हर किसी पर अपना गुस्से का प्रभाव डालते हैं। मगर असल में ऐसा नहीं है। दरअसल शनि देव न्याय के देवता हैं। ये हमेशा व्यक्ति को उसके कर्मो के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए कहा जाता है हर किसी को इनसे डरने की ज़रूरत नहीं होती। ये केवल उन्हीं के लिए दंडनायक का रोल निभाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं शनि देव के एक खास मंदिर के बारे में जहा शनि देव अपने भक्तो पर केवल कृपा बरसाते हैं।

देश में वैसे तो शनिदेव के कई पीठ हैं किंतु इनमें से तीन को ही प्राचीन और चमत्कारिक पीठ माना जाता हैं, जिनका बहुत महत्व है। मान्यता के अनुसार इन तीन पीठों पर जाकर ही पापों की क्षमा माँगी जा सकती है। जनश्रुति के अनुसार इन स्थान पर जाकर ही लोग शनि के दंड से बच सकते हैं, किसी अन्य स्थान पर नहीं।

यह पीठ महाराष्ट्र के एक गांव शिंगणापुर में स्थित शनि शिंगणापुर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित है शनिश्चरा मन्दिर और उत्तरप्रदेश के कोशी से छह किलोमीटर दूर कौकिला वन में स्थित है सिद्ध शनिदेव का मन्दिर हैं। जानकारों के मुताबिक जीवन में किसी भी तरह की कठिनाई या शनि ग्रह का प्रकोप है, तो लोग इन जगहों पर आकर भयमुक्त हो जाते हैं। मान्यता अनुसार इन स्थानों पर जातक को तत्काल लाभ मिलता है। कहते हैं कि पिछले कई हजारों वर्षों से यह पीठ आज भी ज्यों के त्यों हैं और आज भी यहाँ चमत्कार घटित होते रहते हैं। इनमें से शनिश्चरा मंदिर का अपना ही महत्व है, यहां हम आपको इसी मंदिर के बारे में बता रहे हैं।

ग्वालियर से बसों व टैक्सियों से भी शनिश्चरा पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा शनिश्चरा रेलवे स्टेशन, ग्वालियर-भिंड रेलवे लाइन पर पड़ता है। वहीं कुछ शहरों से ग्वालियर के लिए सीधी हवाई सेवा है, राजमाता विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डे से शनिश्चरा मंदिर सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। जबकि शनि अमावस्या पर यहां काफी भीड़ होने के कारण उस दिन कई स्पेशल ट्रेन और बसें मंदिर तक के लिए चलाई जाती हैं।

शनि जयंती पर लगता है मेला हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रमुख शनिश्चरा मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
 

Jyoti

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