शनिवार: पैसा आता तो है परंतु टिक नहीं पाता, करें ये उपाय

Saturday, Mar 19, 2022 - 08:52 AM (IST)

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Saturday special: घोड़े की नाल, नाव की कील अथवा अन्य माध्यमों से उपलब्ध लोहे के छल्ले, कड़े आदि का प्रचलन सर्वविदित है। इन सबसे व्यक्ति को आशातीत लाभ मिलता आ रहा है। इस उपाय में किसी जोखिम अथवा विपरीत प्रभाव का भय नहीं है परंतु सर्वाधिक प्रयोग होने वाले इस उपाय की उपयोग विधि अधिकांश लोगों को ज्ञात नहीं है और इस कारण ही वे लाभ नहीं उठा पाते। यदि घोड़े की नाल अथवा नाव की कील का विधि-विधान से उपयोग किया जाए तो धन लाभ की संभावना निश्चित रूप से बढ़ जाती है।

Ghode ki naal: किसी शनिवार को यदि आपको घोड़े की नाल पड़ी मिल जाए तो उसे चुपचाप उठा कर अपने घर के बाहर कहीं छिपा कर रख दें। किसी भी रंग के घोड़े की नाल की उपयोगिता बराबर ही होती है। इतना अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि नाल का कोई भी हिस्सा खंडित न हो। डर्बी घोड़ों की नाल से किए गए उपाय विशेष फलदायी होते हैं।  यह तुलनात्मक रूप से बड़ी होती है। घर के बाहर रखी नाल को किसी शनि के नक्षत्र तथा होरा में घर के अंदर ले आएं। उसे राख, नींबू, साबुन, ब्रश आदि से साफ कर चमका लें। इसके बाद नाल सरसों के तेल में डुबो कर अगले शनि के नक्षत्र तथा होरा आने तक कहीं सुरक्षित स्थान पर रखी रहने दें।

इस शनि होरा काल में नाल निकाल कर कपड़े से पोंछ कर साफ कर लें। प्रयोग में आया तेल किसी भी शनिवार को दान कर दें। नाल को यथा श्रद्धा कच्चे दूध, गंगाजल, घी, दही, शहद आदि से स्नान करा के धूप-दीप से उसकी आरती उतारें। अब यह नाल घर के मुख्य द्वार में अंदर की तरफ कील से गाड़ दें। नाल का खुला हिस्सा नीचे की ओर रहना चाहिए परंतु कई बार जब नाल की इस स्थिति से लाभ न हो तो खुला हिस्सा ऊपर कर दें। ऐसा करने से आशातीत फल प्राप्त होंगे।

किसी शनिवार को अकस्मात यदि आपको दूसरी नाल मिल जाए तो उसे उपरोक्त विधि से पहले वाली नाल निकाल कर वहां ठोक दें। पुरानी नाल कहीं बहते पानी में बहा दें। नाल की प्राप्ति यदि आपके लिए दुर्लभ हो तो किसी शनिवार को यह किसी घोड़े वाले से भी प्राप्त की जा सकती है।

नाल का दूसरा उपाय उंगली तथा हाथ का क्रमश: छल्ला और कड़ा बनाने में किया जाता है। पहले की तरह इसमें भी घोड़े की नाल को साफ करके पहले तेल में डुबो कर रख दें। अगले शनि के नक्षत्र तथा होरा में इसे निकाल कर किसी सुनार के पास ले जाएं और इसे पिटवा कर अपनी मध्यमा उंगली के आकार का छल्ला अथवा कड़ा, जो भी पहनना आपको अच्छा लगे बनवा लें।

छल्ले अथवा कड़े का जोड़ खुला ही छोड़ना है। अंगूठी अथवा कड़े बनने का कार्य शनि की होरा काल में ही पूरा हो जाए तो अच्छा है अन्यथा शनि का नक्षत्र तो उस समय तक रहना ही चाहिए। इस कार्य के लिए यदि किसी सुनार से पहले ही मिल कर पूर्वनियोजित व्यवस्था करवा लें तो आपका कार्य निश्चित समय में ही पूरा हो जाएगा।

अब इस छल्ले, अंगूठी अथवा कड़े को, जो भी आपने बनवाया हो, घर लाकर कच्चे दूध, गंगा जल तथा तुलसी में डुबो दें। शनि के अगले नक्षत्र तथा होरा तक इसे ऐसा ही पड़ा रहना दें। शनि की होरा में इसे निकाल कर चाहे तो इसकी प्राण प्रतिष्ठा भी कर लें और धूप-दीप दिखा कर अपने दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में इसे धारण कर लें। यदि कड़ा बनवाया हो तो दाईं कलाई में पहन लें। शनि का प्रकोप दूर करने का इससे सरल परंतु उतना ही सुलभ व सस्ता उपाय दूसरा नहीं मिलेगा। यह उपाय उन व्यक्तियों के लिए बहुत लाभकारी है जिन्हें प्राय: शिकायत रहती है कि उनके पास पैसा आता तो है परंतु टिक नहीं पाता।  

 

 

Niyati Bhandari

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