Shani Transit 2025: 30 साल बाद मीन राशि में शनि, 3 राशियों को मिलेगी राहत
punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 12:12 PM (IST)
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Shani Transit 2025: शनिदेव का गोचर हो रहा है 29 मार्च को। 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह यहां पर 23 फरवरी 2028 तक रहेंगे यानी कि अगला गोचर जो है वो मीन राशि में रहेगा। देश-दुनियां के हिसाब से यह गोचर 30 साल बाद हो रहा है, यदि हम 30 साल पीछे जाते हैं। अगली राशि जिसको शनि के इस गोचर का काफ लाभ होने जा रहा है वह है तुला राशि। यह गोचर तुला राशि के जातकों के लिए छठे भाव में होगा और छठे भाव में शनि का गोचर शुभ होता है। अब तुला राशि के लिए शनि योगा कारक ग्रह हो जाते हैं क्योंकि शनि की मकर राशि चौथे भाव में आ जाती है। शनि की कुंभ राशि जो मूल त्रिकोण राशि है, वह पंचम भाव में आ जाती है। इस लिहाज से शनि वह तुला राशि के जातकों के लिए योगा कारक हो जाते हैं। एक केंद्र और एक त्रिकोण भाव के स्वामी होकर अब गोचर तो निश्चित तौर पर अच्छा रहेगा। गुरु आपके भाग्य के कारक ग्रह होते हैं, गुरु आपके पंचम स्थान के कारक होते हैं। तो निश्चित तौर पर गुरु से संबंधित फल जरूर कर जाएंगे। काफी सारी चीजें करेक्ट करके जाएंगे। शनि आपके लाइफ में काफी चीजों को ठीक करके भी जाएंगे। कर्क राशि के ऊपर शनि की ढैया चल रही थी। दूसरी राशि है वृश्चिक राशि इसके ऊपर भी शनि की ढैया चल रही थी। ये भी शनि के प्रभाव से मुक्त हो जाएगी। तीसरी राशि है मकर राशि मकर राशि के ऊपर शनि की साढ़े साती का आखिरी फेज चल रहा था। इस राशि के जातकों के लिए तो शनि शुभ गोचर में भी आ जाएंगे। इन तीन राशियों को फायदा मिलने की सम्भावना है।
कर्क राशि: कर्क राशि के लिए शनि अच्छे ग्रह नहीं होते क्योंकि चंद्रमा और शनि की आपस में बनती नहीं है। कर्क राशि चंद्रमा की राशि है। कर्क राशि के जातकों के लिए शनि सप्तम भाव के स्वामी और अष्टम भाव के स्वामी बन जाते हैं, ये दोनों ही भाव अच्छे भाव नहीं है। आठवां भाव आपकी दुर्घटना का भाव होता है, सडन लोस का भाव होता है। सातवां भाव आपका मार्क स्थान होता है। शनि इन दोनों भावों के स्वामी हो जाते हैं तो कर्क राशि के जातकों को शनि अच्छे फल नहीं करते। अब कर्क राशि के जातक ऐसे होते हैं जिनको यदि के खराब फल मिलते मिलने तो वो बचपन में ही मिल जाते हैं। इमोशनल स्ट्रगल हो या फाइनेंशियल स्ट्रगल यह आपको बचपन में ही मिल जाता है। शनि चूंकि कर्क राशि के लिए अष्टम भाव में थे। अष्टम भाव से निकलकर भाग्य स्थान में जाना शनि का आपके लिए बहुत अच्छा है। अष्टम के मुकाबले तो काफी अच्छा है क्योंकि हालांकि शनि का गोचर नवम में भी शुभ नहीं होता।
शनि का गोचर आपके लिए बहुत शुभ होगा। भाग्य स्थान से शनि का गोचर आपके लिए बहुत अच्छे रिजल्ट लेकर आएगा। शनि की ढैया से भी ज्यादा नुकसान आपको इस भाव में हो जाएगा क्योंकि यहां पर शनि की मार्किंग अच्छी नहीं है। निश्चित तौर पर शनि के अच्छे फल आपको मिलेंगे। जितने भी युवा है, जितने भी प्रोफेशनल लाइफ में जिनका बचपन है उनके ऊपर शनि चल नहीं रहे हैं लेकिन जितने भी युवा है जो प्रोफेशनल लाइफ में आ चुके हैं उनके लिए शनि नहीं चल रहे। कर्क राशि के जातकों के लिए जो भाग्य स्थान के स्वामी है, वो गुरु बनते हैं और गुरु की राशि में शनि निश्चित तौर पर अच्छे फल करते हैं। यहां पर शनि आपको अच्छे फल करके जाएंगे। यहां पर तीसरी दृष्टि पड़ेगी शनि की 11वें भाव के ऊपर, ये एलिवेशन का भाव है। ये तरक्की, आय, इच्छाओं का भाव है। कारोबार में जो अड़चनें आ रही थी वहां पर चीजें आगे बढ़ती हुई नजर आएंगी। नौकरी में जो समस्याएं चल रही थी, वहां पर चीजें थोड़ी सी आगे बढ़ती हुई नजर आएंगी क्योंकि धन की काफी हानि कर गए हैं। शनि यहां पर अष्टम भाव में रहते हुए दूसरे भाव पर दृष्टि थी तो वहां पर जो धन की हानि हुई है वो धीरे-धीरे अब रिकवर होती हुई नजर आएगी। चीजें थोड़ी सी बेटर होती हुई नजर आएंगी। कुटुंब का मामला है वहां पर चीजें थोड़ी सी सेट होती हुई नजर आएंगी। कर्क राशि के जातकों को यह बहुत बड़ी राहत मिलेगी। शनि 11वें भाव को देखेंगे तो आय में निश्चित तौर पर वृद्धि करेंगे, डिटरमिनेशन आपका बढ़ जाएगा। आगे आपके लिए रास्ते भी खुलेंगे और आप बहुत सारी चीजें अपने दम पर बहुत अच्छी कर पाएंगे। यहां पर शनि दशम दृष्टि से छठे भाव को देख रहे हैं। शनि के प्रभाव के कारण जो ढैया में जब शनि चल रहे थे जो डेट वाली स्थिति आ गई थी या जो कोर्ट केसेस का मामला था वो सारी चीजें अब यहां पर सेट होती हुई नजर आएंगी क्योंकि शनि अब यहां से भाग्य स्थान में गोचर कर रहे हैं अच्छा फल करके जाएंगे। कोर्ट केसेस के मामले में चीजें थोड़ी सी आगे बढ़ती हुई नजर आएंगी। बहुत सारी चीजें राहत भरी होंगी। कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत सारे अर्निंग के नए सोर्स खुल सकते हैं। यहां पर आपको निश्चित तौर पर इस गोचर का बहुत फायदा होगा।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के ऊपर शनि की ढैया चल रही थी यह खत्म हो जाएगी और वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत राहत मिलेगी। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है, ये शनि के शत्रु की राशि है। शनि की महादशा या अंतर्दशा इसको मिलती है, तो जितने भी जातक होते हैं वृश्चिक राशि के उनका जो जन्म होता है वह शनि की जो नक्षत्र है। शनि का नक्षत्र उसके चारों चरण इस राशि में आ जाते हैं। जेष्ठा नक्षत्र होता है, यह बुध का नक्षत्र होता है। उसके चारों चरण इस राशि में आ जाते हैं तो जिनको जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ है उनको तो शनि बचपन में निकल गए हैं। जिनका जन्म विशाखा में हुआ है, आखिरी चरण में हुआ उनको भी शनि बचपन में निकल गए लेकिन जिनका जन्म जेष्ठा नक्षत्र में हुआ उनको शनि कभी नहीं मिलेंगे। शनि 19 साल के होते हैं इसका मतलब यह है कि यदि कि का जन्म जेष्ठा में हुआ तो उसको जाकर शनि मिलेंगे 90 साल के बाद। आजकल महादशा तो बहुत कम लोगों को मिलती है, उन्हीं लोगों को मिलती है जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ और गोचर में शनि जरूर आते हैं।
शनि जब ढैया में आते हैं तो कई बार परेशान कर जाते हैं। शनि यहां पर जो वृश्चिक राशि की कुंडली है उसके लिए तीसरे भाव के स्वामी हो जाते हैं। चौथे भाव के स्वामी हो जाते हैं, चौथा भाव केंद्र का भाव है। तीसरा भाव अशुभ भाव कहा गया है। तीसरा, छठा, 11वां, आठवां भाव अच्छा नहीं होता। 12वां भी अच्छा नहीं होता और दूसरा भाव भी अच्छा नहीं होता।
दूसरा मार्क स्थान होता है। 12वां मोक्ष का स्थान होता है।11वां भाव अच्छा होना ही चाहिए तो यहां पर जब गोचर हो रहा था आपको आपके लिए वृश्चिक राशि में कुंभ राशि में तो आपके लिए चौथे भाव में गोचर हो रहा था। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए छठे भाव को शनि देख रहे थे। यदि आपके ऊपर कर्ज चढ़ गया था ये सारी स्थितियां सही होती हुई नजर आएंगी। शनि छठे भाव को देख रहे थे, कर्म भाव को लेकर शनि की दृष्टि थी तो निश्चित तौर पर कारोबार में डिस्टरबेंस आ सकती है। शनि देख रहे थे तो चूंकि चंद्रमा के ऊपर शनि की दसवीं दृष्टि का प्रभाव है। शनि नैसर्गिक तौर पर अशुभ ग्रह है तो जब वो उस भाव को देख रहे थे आपके चंद्रमा को देख रहे थे तो आपका मन थोड़ा परेशान रह सकता है। शनि आगे आएंगे वो सारी चीजें अब थोड़ी सी इज आउट होती हुई नजर आएंगी। वहां पर आपको राहत मिलती हुई नजर आएगी। लेकिन शनि पांचवें भाव में अच्छे फल करेंगे। पंचम भाव में कोई भी ग्रह आता है तो निश्चित तौर पर उसके फल अच्छे होते हैं लेकिन शनि तीसरे, छठे, 11वें भाव में ही अच्छे फल करते हैं। यदि आपकी कुंडली में इस चार्ट में शनि की मार्किंग 12 नंबर से नीचे जाकर चार से ऊपर है तो यह पंचम का फल आपको बहुत अच्छा मिलेगा। पंचम में भी शनि आपको खराब कर जाए हो सकता है कि पंचम में भी शनि आपको खराब इतने खराब फल कर जाए, जितने आपको ढैया में भी नहीं हुए। पंचम में बैठा कोई भी ग्रह पावरफुल हो जाता है। पंचमकुंडली का दूसरा सबसे शुभ भाव होता है, यहां पर शनि निश्चित तौर पर आपको शुभ फल ज्यादा करेंगे। और अशुभ फल कम करेंगे अशुभ फल तो उन्होने जो करने थे वो कर दिए लेकिन शुभ फल थोड़े से ज्यादा कर सकते हैं। यदि वह समुदायक अष्टक वर्ग में पांच से ऊपर बैठे हैं तो आपके लिए फल निश्चित तौर पर अच्छे होंगे। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आ सकती है, आपका रिश्ता हो सकता है। हो सकता है कि आप जो कोई भी फैसला ले इस समय आप बुद्धि-विवेक के साथ लें।
आपकी डिसीजन मेकिंग थोड़ी सी अच्छी हो जाएगी। बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल आप बड़ा अच्छे तरीके से करेंगे। संतान पक्ष से आपको अच्छी खबर आएगी एलिवेशन शनि यहां पर करवा के जा सकते हैं। यदि वो पॉइंट्स पांच से ज्यादा है तो शनि की दृष्टि 11 भाव के ऊपर आ रही है। 11वां भाव तरक्की का भाव होता है। यह शनि का अपना भाव हो जाता है अपने भाव को शनि देख रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपको शनि बहुत अच्छा फल कर जाएंगे। यहां पर 11वें भाव से आय आती है, 11 भाव से डिजायर आती है। 11वें भाव से तरक्की आती है। सामाजिक प्रतिष्ठा 11वें भाव से आती है तो वो सारी चीजें अब रिकवर होंगी। शनि समय के कारक है तो निश्चित तौर पर वो चीजें सी थोड़ी सी अब करेक्ट होती हुई नजर आएंगी। 23 फरवरी से 28 तक ये शनि का गोचर है तो निश्चित तौर पर आपको शनि इस दौरान अच्छे फल करके जाएंगे। शनि की दृष्टि धन भाव के ऊपर रहेगी जो धन का लोस हुआ या जो पैसा फसा पहले ढैया के दौरान वो चीजें अब धीरे-धीरे रिकवर होती हुई नजर आएंगी। यहां पर सप्तम भाव को शनि देखेंगे। पार्टनर के साथ कोई विवाद था तो वहां पर विवाद थोड़ा सा सेटल होता हुआ नजर आएगा। वृश्चिक राशि के जातकों को शनि के इस गोचर का लाभ होगा। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। मान लीजिए शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य के साथ है, अस्त है मंगल के साथ है, राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
मकर राशि: मकर राशि शनि की अपनी राशि है। इसी राशि के ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही थी, साढ़े साती खत्म हो जाएगी। सबसे पहली बात तो यह है शनि तीसरे भाव में शुभ गोचर में आ जाएंगे। राशि के स्वामी का शुभ गोचर में आ जाना निश्चित तौर पर एक अलग एडवांटेज है। यदि यह दशा चल रही है और रूलिंग प्लेनेट आपका शुभ गोचर में आ जाए तो आपके लिए निश्चित तौर पर उसके फल ज्यादा अच्छे हो जाते हैं। यदि आपकी मकर राशि है तो आपका जन्म सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है। आपकी राशि में सूर्य के तीन चरण आते हैं। अगला जो नक्षत्र होता है वह होता है श्रवण ये आपका चंद्रमा का नक्षत्र है। इसके चारों चरण मकर राशि में आते हैं, इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आता है। ये मंगल का नक्षत्र है इसके दो चरण वो आपके मकर राशि में आते हैं तो मोटे तौर पर जिनका जन्म सूर्य के उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो उनको जन्म के समय ही सूर्य की लगभग 4 साल की महादशा मिलेगी। उसके बाद चंद्रमा की मिलेगी 14 साल हो लिए, फिर मंगल की मिलेगी 21 साल के लिए। यदि आपकी उम्र 50, 55 के आसपास है तो शनि के प्रभाव में आप आ चुके हैं। शनि की महादशा आपके ऊपर चल रही है और महादशा नाथ आपका शुभ गोचर में है। पहले चरणों में यानी कि श्रवण नक्षत्र के पहले चरणों में जिनका जन्म हुआ है उनकी यदि 50 से ऊपर है तो वे शनि के प्रभाव में है। यदि दूसरे चरण के बाद वाले जातक है उनकी यद 45 साल के ऊपर है तो वो प्रभाव में है। यदि आपका जन्म चंद्रमा में भी नहीं हुआ या चंद्रमा के लास्ट में हुआ है आप 40 के ऊपर हैं तो भी आप शनि के प्रभाव में है। शनि की राशि के स्वामी शनि है, स्वामी का शुभ गोचर में जाना निश्चित तौर पर अच्छा हो गया है। धन से सम्बंधित आपकी शुभ फल मिलेंगे। मूल त्रिकोण राशि कुंभ दूसरे भाव में पड़ी हुई है तो यहां पर यह धन भाव होता है। यदि कोई लीगल परेशानी चल रही थी वो भी ठीक होती हुई नजर आएगी। शनि समय के कारक है, शनि समय के साथ चीजों को करेक्ट करते हैं। तो यहां पर शनि तीसरे भाव में बैठकर आपका कॉन्फिडेंस बढ़ाएंगे। कुछ लोगों का कॉन्फिडेंस लो हो जाता है, साढ़े साती के दौरान बहुत सारी चीजें गलत हो जाती है। यहां पर शनि तीसरे भाव में आकर सबसे पहले तो आपका कॉन्फिडेंस मजबूत करेंगे। यहां पर आप देखेंगे कि चीजें करेक्ट होती हुई नजर आएंगी। यहां पर आपको सबसे पहले तो फायदा यह होगा कि तीसरे भाव के फल अच्छे मिलेंगे। भाई के साथ तालमेल बेहतर होता हुआ नजर आएगा। धन के फल आपको अच्छे मिल जाएंगे। आध्यात्म की तरफ आपका ध्यान लग सकता है यदि आपका जन्म सूर्य के नक्षत्र में है क्योंकि शनि भाग्य स्थान को देख रहे हैं। अध्यात्म की तरफ आपका रुझान थोड़ा सा बढ़ता हुआ नजर आएगा। इस अवधि के दौरान आप काफी यात्राएं करेंगे।
चूंकि शनि गुरु की राशि में है तो उसका अपना अलग प्रभाव रहता है। आध्यात्म की तरफ ध्यान थोड़ा सा बढ़ेगा। पांचवें भाव पर शनि की दृष्टि है तो संतान पक्ष से अच्छी खबर आएगी। जिनके संतान नहीं है उनके यहां पर संतान आ सकती है। बुद्धि-विवेक का जो भाव है वहां पर भी शनि का प्रभाव रहेगा। शनि चूंकि शुभ गोचर में है तो निश्चित तौर पर फिफ्थ हाउस के अच्छे फल आपको देखने को मिलेंगे। फिफ्थ हाउस से बुद्धि-विवेक देखा जाता है यहां पर चीजें बहुत अच्छी होती हुई नजर आएंगी तीसरा भाव चूंकि अ तीसरे भाव में चूंकि शनि है और दसवीं दृष्टि आपके 12वें भाव के ऊपर जा रही है तो 12वां भाव विदेश का का भाव होता है। जिनका काम विदेश से जुड़ा हुआ है वहां पर सारी चीजें सटीक होती हुई नजर आएंगी। बहुत सारी चीजें जो डिस्टर्ब चल रही थी वहां पर चीजें ठीक होती हुई नजर आएंगी। विदेश से फायदा हो सकता है। अध्यात्म में आपका ध्यान लगता हुआ नजर आएगा। यह चीजें मकर राशि के जातकों के लिए इस गोचर के दौरान बहुत अच्छी होने वाली है। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है। मान लीजिए शनि आपकी कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में पड़े हुए हैं। सूर्य के साथ है, अस्त है मंगल के साथ है, राहु-केतु एक्सेस में है शनि बहुत अच्छी पोजीशन में नहीं है तो आपको शनि की रेमेडीज जरूर करनी चाहिए।
नरेश कुमार
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