Shani Jayanti 2020: इन राशि वालों पर है शनि की नज़र, इन मंत्रों के जाप से हो सकता है लाभ

Friday, May 22, 2020 - 01:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 22 मई को देश के बहुत से हिस्सों में शनि जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। कहा जाता ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस तिथि को शनि अमावस्या या शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। बता दें कथाओं के अनुसार इस दिन सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था। यही कारण है कि इस दिन का हिंदू धर्म में अधिक महत्व है। तो ज़ाहिर है शनि देव के भक्त आज भी इन्हें प्रसन्न करने के लिए तमाम तरह के उपाय आदि करेंगे। तो वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इस बारे मे जानकारी नहीं है कि वो कैसे इस खास अवसर पर बहुत ही सरलता से इन्हें खुश किया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार की शनि जयंती विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस दौरान कुछ खास योग बन रहे हैं। कहा जाता है कि शनि देव सभी ग्रहों में से धीमी चाल चलने वाले एकमात्र ग्रह स्वामी माने जाते हैं। कहा जा रहा है 30 साल के बाद शनि ने अपनी राशि में गोचर किया है, जिसके बाद 11 मई को अपने राशि में वक्री हुए। माना जा रहा है कि शनि के व्रकी होने का प्रभाव उन राशियों पर अधिक होगा जिन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का चल रही है।

ऐसे में उन लोगों के लिए चिंता का विषेय है जिन पर पहले से शनि का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। तो अगर आप के साथ ऐसा भी हो रहा है तो बता दें आप इस दिन शनि देव के कुछ खास मंत्रों का जाप करके इनके बुरे प्रभाव को अच्छे में बदल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से है ये मंत्र-

यहां जानें किन राशियों पर है साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव-
इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती- धनु, मकर और कुंभ
इन राशियों पर शनि की ढैय्या - मिथुन और तुला

इन मंत्रों के जाप से मिलेगी बुरे प्रभाव से मुक्ति

शनि का पौराणिक मंत्र-
ॐ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

शनि का वैदिक मंत्र-
ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

तांत्रिक शनि मंत्र: 
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि बीज मंत्र-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नमः।

शनि गायत्री मंत्र-
ॐ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

Jyoti

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