Shani Jayanti 2020: आने वाले 400 सालों तक नहीं बनेगा ऐसा दुर्लभ संयोग !
Wednesday, May 20, 2020 - 07:10 AM (IST)
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ज्योतिष शास्त्र रहस्यों से भरा एक विज्ञान भी है और वेदों की छठी आंख भी। इस ब्रह्मांड में विचर रहे ग्रह कई बार विलक्षण संयोग भी बनाते हैं और धरती पर कई बदलावों के कारक भी बनते हैं। ग्रहों की चाल और विभिन्न अवसरों पर बनने वाले अद्भुत संयोगों पर ज्योतिष विज्ञानियों की गहरी नज़र रहती है। इस बार भी 22 मई को जयेष्ठ अमावस्या के दिन एक अद्भुत संयोग बनने जा रहा है , जिसे आप दुर्लभ संयोग भी कह सकते हैं। ऐसा संयोग अमूमन सदियों बाद बनता है।
शनि महाराज देव गुरु बृहस्पति के साथ मकर राशि में विचरण कर रहे हैं तो वहीं शुक्र की वृषभ राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ हैं। यानि अब कम से कम अगले 400 सालों तक ऐसा संयोग बनने वाला नहीं है।
4 ग्रहों की वृषभ राशि में युति और मकर राशि में शनि व बृहस्पति की मौजूदगी का देश और दुनिया पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। खासकर अर्थव्यवस्था पर बहुत प्रभाव पड़ने वाला है। भारत की कुंडली के हिसाब से तो यह प्रभाव बहुत सुखद रहेगा लेकिन अगर पूरे विश्व की बात करें तो ग्रहों की युति दुनिया के कई देशों में अर्थव्यवस्था को हिला कर रख देगी। देशों के बीच आपसी विवाद भी बढ़ेंगे व्यापारिक रिश्ते पर इन विवादों का गहरा असर पड़ेगा।
शनि जयंती 22 मई को कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी, इसलिए भारत के लिहाज से देश में उद्योग धंधे अब धीरे-धीरे पटरी पर आना शुरू होंगे। देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर थमेगा। देश का युवा वर्ग खासतौर पर इस योग से प्रभावित होने वाला है और वाइट कलर जॉब की वजह देश का नौजवान स्वरोजगार की तरफ प्रेरित होगा। हमारे देश के वैज्ञानिक अपनी नवीनतम शोधों और अपनी नई खोज से पूरी दुनिया के लिए उम्मीदों का केंद्र बनेंगे। हालांकि देश में प्राकृतिक आपदाओं से कई राज्यों के प्रभावित होने के योग भी बन रहे हैं लेकिन कृषि, बागवानी व आईटी सेक्टर के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे। इन क्षेत्रों में नई पहल होगी जो काफी सुखद रहेगी।
शनि देव क्योंकि शनि जयंती के दिन अपनी ही राशि मकर में बृहस्पति के साथ हैं, इसलिए इस संयोग से देश में नई योजनाएं भी बनेगी और उन्हें कार्य रूप भी दिया जाएगा। कुछ कठोर फैसले भी सरकार की ओर से लिए जाएंगे।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com