कुछ हटकर है इस धाम की कहानी, दर्शन मात्र से मिटेगी जीवन की हर त्रासदी

Saturday, Nov 19, 2016 - 03:29 PM (IST)

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में शनिदेव का मंदिर स्थित है। प्रतापगढ़ जिले के विश्वनाथगंज बाजार से लगभग 2 किलो मीटर दूर कुश्फरा के जंगल में भगवान शनि का प्राचीन मन्दिर लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं। कहा जाता है कि यहां आते ही भक्त शनिदेव की कृपा के पात्र बन जाते हैं। यहां बहुत सारे श्रद्धालु शनिदेव के दर्शनों हेतु आते हैं। प्रत्येक शनिवार शनिदेव को 56 प्रकार के व्यंजनों को भोग लगाया जाता है। 

 

शनि धाम एक श्री यंत्र की तरह है- दक्षिण की तरफ प्रयाग, उत्तर की तरफ अयोध्या, पूर्व में काशी और पश्चिम में तीर्थ गंगा स्वर्गलोक कड़े मानिकपुर हैं। शनि मंदिर के विषय में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार शनिदेव की प्रतिमा स्वयंभू है। शनिदेव की यह प्रतिमा कुश्फारा के जंगल में एक ऊंचे टीले पर गड़ी थी। कहा जाता है कि स्वामी परमा महाराज ने शनिदेव की प्रतिमा को खोज कर मंदिर का निर्माण करवाया था। 

 

इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। मंदिर के प्रांगन में प्रत्येक शनिवार भव्य मेला लगता है। हर साल मंदिर पर अखंड राम नाम जप का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर यहां भंडारा लगता है। यहां सुबह से भंड़ारे का आरंभ होता है अौर रात तक चलता है। इस अवसर पर मंदिर अौर शनिदेव की प्रतिमा को फूलों से सजाया जाता है। 

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